रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते दो साल में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है. 5 सौ से अधिक मुठभेड़ों में ढाई सौ नकस्ली मारे गए हैं. इसकी जानकारी खुद नक्सलियों ने पर्चा जारी कर दिया. इस मामले को आज नक्सल ऑपरेशन के डीजी डीएम अवस्थी ने प्रेस कांफ्रेंस की.

डीएम अवस्थी ने कहा कि 2017 से 18 के बीच 116 नक्सली और 2016 से 17 के बीच में 131 नक्सली मारे गए हैं.  यह सब सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन का परिणाम है. अवस्थी ने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों में 208 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं. इसके साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के नक्सलियों के पास हथियार, गोला-बारुद बरामद हुए हैं.

इनमें सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में 72 महिलाएं शामिल हैं. दक्षिण सब जोनल ब्यूरो भाकपा(माओवादी) की ओर से यह पर्चा जारी किया गया है. जो नक्सली मारे गए हैं उनमें दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के एसी/पीपीसी स्तर के में 65 नक्सली शामिल हैं. न

क्सलियों ने अपनी सूची में बताया है कि उनके सेन्ट्रल रीजनल ब्यूरो के दायरे में आने वाले 11, बिहार-झारखंड में 20, तेलंगाना में 4, आंध्रा-उड़ीसा सीमा में 8, उड़ीसा में 12, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा में 6, पश्चिम घाटियों के ट्राई जंक्शन इलाके में 1 नक्सली की मौत हुई है. नक्सलियों ने मीडिया को जारी किए गए अपने पत्र में सरकार के ऊपर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप भी लगाया है.

नक्सलियों का आरोप है कि फोर्स ने फर्जी मुठभेड़ कर आदिवासियों की हत्या की है. उन्होंने उन इलाकों के नाम भी जारी किए हैं, जहां उन्होंने फर्जी मुठभेड़ की बात कही है. इसके साथ ही नक्सलियों ने सरकार द्वारा चलाए जा रहे आपरेशन ग्रीन हंट के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही है. सरकार ने ग्रीन हंट को अब समाधान नाम दे दिया है.