बिलासपुर।   रायपुर के रेलवे परिक्षेत्र डब्लू.आर.एस. कालोनी में सालो से बसे 3 हजार झुग्गी झोपडी निवासियों को अतिक्रमण हटाने और जगह खाली करने के लिए रायपुर रेलवे प्रबंधन ने तुगलकी फरमान पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. रेलवे ने 15 दिनों का समय दिया था. जिसके विरुद्ध रायपुर के पार्षद राधेश्याम विभार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका अधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा की ओर से पेश की थी.

याचिकाकर्ता ने कहा था कि लम्बे समय से झुग्गी झोपडी निवासी वहां रहकर जीवन बसर कर रहे है. मई माह में गर्मी का तापमान रायपुर में 48-49 डिग्री से से भी अधिक होता है. ऐसी स्थिति में उनके मकान और घरौंदों से बाहर करने में वे मारे जायेंगे. जिसकी आज सुनवाई सीजे के डबल बेंच में हुई. जिसमे मामले की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल रेलवे के आदेश पर रोक लगा दिया है.

 

इसके साथ ही केंद्र सरकार, केन्द्रीय रेल मंत्रालय और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए झुग्गी झोपडी निवासियों के लिए पुनर्वास स्थापना की योजनाओ के साथ दलील में जवाब माँगा है. हालाकि की बिना किसी योजना के रेलवे प्रबंधन सालो से काबिज बासिंदों को घर से बेघर करने की तैयारी में जुटा है. लेकिन आज की सुनवाई में बासिंदों को रेलवे के आदेश पर कोर्ट के आगामी आदेश आने तक के लिए राहत मिल गई है.