रायपुर।  नान घोटाले मामले में भूपेश कैबिनेट ने जांच की मंजूरी दे दी है. नान घोटाले में एसआईटी जांच करेगी. जिसका नेतृत्व आईजी करेंगे. कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद मंत्री रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके पहले नान घोटाले में जो जांच की गई थी उसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं को छोड़ दिया था. उस वक्त जांच एजेंसी ने सिर्फ छह पेज के आधार पर जांच किया था. बता दें नान घोटाले मामले में निष्पक्ष जांच के लिए आरोपी बनाए गए एक आईएएस अनिल टुटेजा ने भूपेश सरकार के सामने अभ्यावेदन दिया है. इस मामले में अनिल टुटेजा के अलावा एक और आईएएस आलोक शुक्ला को भी आरोपी बनाया गया था वहीं तत्कालीन नान प्रबंधक शिवशंकर भट्ट इस मामले में अभी जेल में हैं. ईओडब्ल्यू इस मामले में 2015 से ही जांच कर रही है. इन तीनों अधिकारियों के अलावा इस मामले में 27 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था और 17 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. गौरतलब है कि विपक्ष में रहने के दौरान कांग्रेस नान घोटाले का मुद्दा लगातार उठाती रही है. कांग्रेस अपने आरोप में यह कहती रही है कि घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह और उनके परिजनों पर भी गड़बड़ी के आरोप हैं.

राहुल गांधी ने भी पूछा था सीएम मैडम और डॉक्टर साहब कौन

17 नवंबर को चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरिया की एक सभा में आरोप लगाया था कि रमन सरकार के कार्यकाल में पीडीएस में 36 हजार करोड़ रूपए का घोटाला हुआ है. उन्होंने कहा था कि इस घोटाले में एक डायरी भी मिली है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि पैसा सीएम मैडम और डाक्टर साहब को दिया गया. मैं यह पूछना चाहता हूं कि ये सीएम मैडम और डाक्टर साहब कौन हैं?

बदले की नहीं कानून सम्मत कार्रवाई होगी

इस मामले में मंत्री रविन्द्र चौबे ने डॉ रमन सिंह के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि रमन सिंह को ये भय नहीं होना चाहिए कि जांच कहाँ तक पहुँचेगी. कानून सम्मत कार्रवाई होगी. हम बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करेंगे. आपको बता दें नान घोटाले की जांच की घोषणा पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इसे बदले की कार्रवाई कहा था.