रायपुर। खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री रुद्र गुरु जागार-2019 का शुभारंभ किया. यह  23 फरवरी से 4 मार्च तक चलेगा. छत्तीसगढ़ हाट पंडरी में आयोजित इस मेले में हस्तशिल्प कला की छटा देखते ही बन रही है. मंत्री कई स्टालों का भ्रमण कर शिल्पकारों से बातचीत की. मंत्री ने कारीगारों से बातचीत में कहा कि पोल्की सूट और बेलमेटल के गणपति, लक्ष्मी, हिरण, आदिवासी जोड़े जैसी विभिन्न कलाकृति अपना जादू जगाए हुए हैं. यहां के कलाकरों का कोई जवाब नहीं सब एक बढ़कर एक है. सरकार हस्तशिल्पकारों के लिए हर स्तर पर मदद के लिए तैयार है. हम यहां के शिल्पाकारों, कारीगारों को आगे लाने का प्रयास करते रहेंगे.  यहां आने वाले अधिकतर लोग इस आर्ट वर्क के मुरीद बन गए हैं. साथ ही लोगों से अपील की जगार मेले में आए और हस्तशिल्प कारीगरों का हौसला बढाएं.
जगार-2019 के आयोजन में छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, नईदिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, झारखण्ड एवं हरियाणा आदि राज्य के कलाकार भी भाग ले रहे हैं, जो अपने उत्कृष्ट शिल्प कलाकृति एवं उत्पाद का प्रदर्शन इस मेले में करेंगे, उन्हें भी मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं कि वे हमारे इस मेले में प्रतिभागी के रूप में शामिल हो रहे हैं. उम्मीद है कि वे अपनी उत्पाद और हस्तशिल्प कला की अच्छी छाप राजधानीवासियों पर छोड़ेंगे.

इस प्रदर्शनी मेला में छत्तीसगढ़ राज्य के 60 शिल्पी जिसमें बेलमेटल शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, शिसल शिल्प, गोदना शिल्प, टेराकोटा शिल्प एवं हाथकरघा वस्त्र प्रमुख है। इसके अलावा अन्य प्रान्तों के लगभग110 शिल्पी कलाकार जिसमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, नईदिल्ली, मध्यप्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, ओड़िशा, झारखण्ड एवं हरियाणा के आर्ट मेटल वेयर, जरी एण्ड जरी गुड्स, पोर्टी एण्ड क्ले, कारपेट, जूट, हैण्ड एम्ब्रायडरी, लेदर एण्ड आर्टिकल्स, लाख चूड़ियां, पेंचवर्क, बटिक प्रिंट, ब्लॉक प्रिंट, टेराकोटा, चंदेरी, बनारसी साड़ी, कश्मीरी शॉल, चिकन वर्क, पेंटिग, वूड क्राफ्ट, ज्वेलरी, हैण्ड प्रिंटेड टेक्सटाइल्स, चिकन वर्क का विशाल संग्रह उपलब्ध रहेगा। इस आयोजन में ग्राहकों के  पसंद के अनुरूप गृह उपयोगी एवं सजावटी सामान उपलब्ध है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के बनारसी साड़ी, गलीचे, लखनऊ की चिकनकरी, मध्यप्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी एवं पत्थर शिल्प सहित टीकमगढ़ के ब्रास का विशाल संग्रह है, वहीं पश्चिम बंगा का जूटवर्क, कांथा वर्क एवं बंगाली साड़ियों सहित पंजाब की फूलकारी, राजस्थान की मोजरी, कश्मीर के स्टॉल्स एवं शॉल का विशाल संग्रह उपलब्ध है, जिसमें शिल्पकार अपनी उन्नत शिल्पकला के हुनर का प्रदर्शन एवं विक्रय करेंगे। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रदेश के विभिन्न अंचलों के छह सिद्धहस्त शिल्पियों को 2018-19 का राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया।