रायपुर। कांग्रेस ने एक बार फिर मतदान में गड़बड़ी को लेकर आशंका जताई है. कांग्रेस ने जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किये गए पहले और दूसरे चरण के आंकड़े को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से शिकायत की है. कांग्रेस की लीगल सेल की किरणमयी नायक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बड़ी गड़बड़ी किए जाने की आशंका जाहिर करते हुए जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है जिन्होंने सरकारी वेबसाईट पर इसे प्रकाशित किया है और मीडिया को इस खबर को प्रकाशित करने के लिए भेजा था.

कांग्रेस ने अपने ज्ञापन में कहा है कि 12 नवंबर को प्रथम चरण में 18 सीटों पर और 20 नवंबर को से 70 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ था. इस संबंध में चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रथम चरण के लिए 12 व 13 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के लिए 20 व 21 नवंबर को कुल मतदान के आंकड़े जारी किए थे.  मतदान संबंधी इन आंकड़ों के साथ चुनाव आयोग द्वारा लिखित में स्पष्ट किया गया था कि सारे मतदान दल सकुशल लौट चुके हैं और मशीनें स्ट्रांग रूम में रखी जा चुकी है. प्रथम चरण के मतदान के लगभग 15 दिवस बाद और दूसरे चरण के मतदान के साथ दिवस बाद राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा तीसरी बार मतदान के आंकड़े मीडिया को उपलब्ध कराए गए हैं.

कांग्रेस ने आश्चर्य जताते हुए कहा है कि इतने दिनों बाद राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा फिर से सार्वजनिक किए गए मतदान संबंधी इन आंकड़ों में भारी फेरबदल किया गया है और कुल मतदान प्रतिशत में भी बढ़ोतरी दर्शाई गई है. कई विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत में कमी दिखाई गई है वहीं कई स्थानों में यह आश्चर्यजनक रूप से 18% तक बढ़ी हुई बताई जा रही है. कांग्रेस ने इसका उदाहरण देते हुए बताया कि भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में मतदान को लेकर 20 नवंबर की शाम मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा यह जानकारी सार्वजनिक की गई है कि शाम 6:00 बजे तक वहां 65.32% मतदान हुआ था.

अब 27 नवंबर को जनसंपर्क विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि वहां मतदान का आंकड़ा 84% पहुंच गया है. मतदान के दिन और दूसरे दिन शाम को चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत आंकड़े को सार्वजनिक किए जाने की इतनी देर के बाद तीसरी बार राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा बड़े हुए आंकड़ों के साथ मतदान संबंधी जानकारी सार्वजनिक की गई है. उसे लेकर बीबीसी में एक विस्तृत समाचार प्रकाशित हुआ है, विभाग के हवाले से कहा गया है कि 20 और 21 नवंबर को जो आंकड़े पेश किए गए थे वह अंतिम आंकड़े नहीं थे.

तीसरी बार 26 नवंबर को जो आंकड़े आए हैं वे मतदान के अंतिम आंकड़े हैं उसके उलट आयोग द्वारा इसका खंडन करते हुए कहा गया है कि चुनाव आयोग द्वारा 21 नवंबर के बाद मतदान संबंधी कोई भी आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है. कांग्रेस ने आशंका जताते हुए कहा है कि राज्य शासन द्वारा मतदान संबंधी इस तरह के आंकड़े सार्वजनिक करने से जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित करने और उसे मीडिया को मेल करके प्रचारित प्रसारित करवा कर पूरी चुनाव प्रक्रिया को संदेहास्पद बनाकर किसी बड़ी गड़बड़ी को अंजाम देने की तैयारी हो रही है.

कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कहा है कि राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा अपनी वेबसाइट पर इसे प्रकाशित करने मीडिया को मेल करने और इसे प्रकाशित प्रसारित करवाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. कांग्रेस ने कहा है कि जैसे आपके द्वारा समय-समय पर चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जाता है, इस संबंध में भी राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी फर्जी भ्रामक और संदेहास्पद मतदान संबंधी आंकड़ों को लेकर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान जारी कर इन आंकड़ों का खंडन करने का कष्ट करें जिससे वस्तु स्थिति स्पष्ट हो.