नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने आज प्रेस कांफ्रेस में साफ कर दिया कि बसपा मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. साथ ही मायावती ने गठबंधन नहीं होने के पीछे दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया. प्रेस कांफ्रेस में मायावती कांग्रेस पर भी जमकर बरसी. उन्होने कहा कि कांग्रेस गठबंधन की आड़ में बसपा का वजूद ही खत्म करना चाहती है. इसलिए वे कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगी.
इसके साथ ही मायावती ने दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गठबंधन चाहते थे, मगर दिग्विजय सिंह और कई नेता गठबंधन के खिलाफ थे. वे नहीं चाहते थे कि हमारे बीच गठबंधन हो. बीएसपी और कांग्रेस में गठबंधन न होने पाए इसके पीछे दिग्विजय सिंह का निजी स्वार्थ शामिल है. मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की रस्सी जल गई, मगर बल नहीं गया. कांग्रेस ने गुजरात से कुछ सबक नहीं लिया. मायावती ने यह भी कहा कि कांग्रेस एक जातिवादी पार्टी है और दिग्विजय सिंह बीजेपी के एजेंट हैं
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस ने देश पर राज करने के लिए दलितों का इस्तेमाल किया और वह जातिवाद और सांप्रदायिक माइंडसेट की है और उसने दलित समुदाय के लिए आज तक कुछ भी नहीं किया है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी गठबंधन की आड़ में बीएसपी को समाप्त करना चाहती है. इसलिए मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीएसपी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. किसी भी कीमत पर हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा गैर-बीजेपी दलों को कमजोर करने की कोशिश में लगी रहती है.
मायावती ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी से डरी हुई है और यह सच है. यही वजह है कि वह मुस्लिमों को टिकट देने से भी कतरा रही है. हम हमेशा से बीजेपी को सत्ता से बाहर रखना चाहते हैं, यही वजह है कि हमने क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया. अब राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुझे लगता है कि कांग्रेस का इरादा बीजेपी को हराने की नहीं है, बल्कि वह उनके साथ दोस्ती रखने वाली पार्टियों को ही हानि पहुंचाना चाहती है.