दीपक कौरव, नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश में आईएएस लड़की और आईएफएस लड़के की शादी की चर्चा जोरों पर है। आईएएस लड़की ने पिता से कन्यादान करवाने की परंपरा से मना कर दिया। बिना कन्यादन दोनों की शादी वैदिक मंत्रों के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुई।
मामला मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के करेली के पास एक छोटे से गांव जोबा की है, जहां गांव की तपस्या परिहार 2018 बैच की आईएएस है। उनकी शादी आईएफएस अफसर गर्वित गंगवार से पिछले दिनों संपन्न हुई। यह शादी चर्चा का विषय तब बन गई जब घर वालों की सहमति से कन्यादान की रस्म नहीं कराई गई।
बता दें कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार पिता अपनी पुत्री को कन्या के रूप में वर पक्ष को कन्यादान की रस्म के साथ दान करता है। वहीं तपस्या परिहार का मानना है कि बचपन से ही मेरे मन में समाज की इस विचारधारा को लेकर लगता था कि कैसे कोई मेरा कन्यादान कर सकता है, वह भी मेरी बगैर इच्छा के। इसी बात को लेकर मैंने अपने परिवार से चर्चा की। वे लोग मान गए और वर पक्ष भी इस बात के लिए राजी हो गया कि बिना कन्यादान की भी शादी की जा सकती है। जब दो परिवार आपस में मिलकर विवाह करते हैं तो फिर बड़ा छोटा या ऊंचा नीचा होना ठीक नहीं। क्यों किसी का दान किया जाए। जब मैं शादी के लिए तैयार हुई तो मैंने भी परिवार के लोगों से चर्चा कर कन्यादान की रस्म को शादी से दूर रखा।
तपस्या के पति आईएफएस गर्वित भी बताते हैं कि क्यों किसी लड़की को शादी के बाद पूरी तरह बदलना होता है। चाहे मांग भरने की बात या कोई ऐसी परंपरा जो यह सिद्ध करें की लड़की शादीशुदा है। जबकि यह लड़के के लिए कभी लागू नहीं होता और इस तरह की मान्यताओं को हमें धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। तपस्या के पिता भी शादी से खुश हैं उनका मानना है कि इस तरह की रस्मों से लड़की को पिता के घर से या उसकी जायजाद से बेदखल करने की साजिश की तरह देखा जाता है। हालांकि पूरी शादी वैदिक मंत्रों के साथ पूरे रीति रिवाज से संपन्न हुई है।
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