रायपुर। छत्तीसगढ़ के पांच आला अफसरों पर कंपलसरी रिटायरमेंट की गाज गिर सकती है। इनमें तीन आईएएस, एक आईएफएस और एक आईपीएस शामिल हैं। इसके लिए उनके सर्विस रिव्यू की कार्रवाई अगले सप्ताह से शुरू की जा रही है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इन पांच में एक आईएएस बिना काम पिछले कई सालों से लूप लाइन में पड़े हुए हैं। हालांकि उन्हें अब तक के सभी प्रमोशन दिए जाते रहे हैं। दूसरी एक महिला आईएएस अफसर हैं जो पिछले साल रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर वॉच लिस्ट में रखी गई थीं। राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस बनी इस अधिकारी ने भी अब तक कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया है। तीसरे आईएएस अफसर के बारे में तो रिव्यू कमेटी के एक सदस्य का कहना है कि कहीं कोई कानूनी अड़चन न आए तो उनका कंपलसरी रिटायरमेंट का फैसला अब केवल औपचारिकता रह गई है। उनके खिलाफ कई आधार बन गए हैं। ये अफसर पिछले 7 सालों से पहले आयकर, ईओडब्लू और अब ईडी समेत सीबीआई के लपेटे में हैं। रिव्यू कमेटी दो और आईएएस अफसरों के भविष्य पर भी विचार करेगी। दोनों ही एक निगम के घोटाले में फंसे हैं। इनके खिलाफ एक साल पहले कन्वीक्शन की अनुमति मिल चुकी है।
इनके अलावा एक आईएफएस भी हैं। 30 साल की नौकरी पूरी कर चुके इस अफसर के खिलाफ अब तक 4-4 आरोप पत्र जारी किए जा चुके हैं। इन पर प्रोबेशन के समय से ही गड़बड़ी के आरोप थे। यूपीएससी ने ही इन्हें कैडर के सबसे निचले क्रम पर रखने का आदेश दिया है। तब से ये डीएफओ ही बने हुए हैं। जबकि इनके जूनियर एपीसीसीएफ तक बन गए हैं। इन्हें भी वाच लिस्ट में रखा गया है। इसी तरह से एक आईपीएस कैडर में तीसरे सर्वोच्च पद पर कार्य कwर रहे इन अफसर पर एक साल पहले ही मामला प्रकाश में आया है। वे इस समय जांच का सामना कर रहे हैं। इस वजह से उन्हें फिलहाल प्रमोशन भी नहीं दिया गया है।