विद्युत दरें बढ़ाने से प्रदेश का विकास अवरुद्ध होगा
प्रदेश में दस प्रतिशत तक विद्यत दरें तत्काल कम की जा सकती हैं
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर विद्युत दर बढ़ाए जाने की चर्चा है. इस चर्चा के साथ दर बढ़ने से पहले विरोध शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इसे प्रदेश के विकास में अवरोध उत्पन्न होने वाला कदम बताया है. कांग्रेस ने यह भी कहा कि इससे आम आदमी पर महंगाई का बोझ और बढ़ जाएगा. कांग्रेस की ओर से बकायदा उपभोक्ता पर पड़ने वाले सरकारी झटके का ब्यौरा दिया है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश बिस्सा ने कहा, छ॰ग॰ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा विद्युत की दरों में वृद्धी किये जाने हेतु विद्यत नियामक आयोग को प्रेषित प्रस्ताव का हम कड़ा विरोध करते हैं. यह वृद्धि आम जनता को लूटने के समान है. जिस तरह विद्युत वितरण कंपनी ने लाभ का आंकलन किया है उसे देखते हुए कम से कम विद्युत की दरों में दस प्रतिशन की कमी की कमी जा सकती है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, डिस्टरिब्यूशन कंपनी को चालूवर्ष 2017-18 में 2500 करोड़ और आगे 2018 व 19-20 में भी इतना ही अतिरिक्त लाभ अनुमानित है. इस तरह वर्ष 2019-20 तक डिस्टरिब्यूशन कंपनी के पास अतिरिक्त रूप में 5000 करोड़ रु से अधिक की भारी राशि जमा हो जायेगी. कंपनी का पिछले घाटे को जो लगभग 2600 करोड़ रुपये है को एकमुश्त समायोजित करने का प्रस्ताव है. जब विद्युत वितरण कंपनी लगातार लाभ की स्थिति में दिख रही है तो एक मुश्त घाटे की क्षतिपूर्ती करने की जगह उसे राशि क्रमशः समायोजित करना चाहिये इससे आम जनता को भी महंगी बिजली से कुछ राहत मिलेगी. किसान व उद्योग भी पनप सकेंगे.
जिस तरह वितरण कंपनी ने विद्युत की दरें बढाने का फैसला लिया है उस पर राज्य शासन को तत्काल संज्ञान लेना चाहिये जिससे की विद्युत दरें कम हो सके. आम जनता कितना भी अपना पक्ष रख ले, लेकिन निर्णय वही होता है जो कंपनी चाहेगी. क्योंकि डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लाभ में प्राप्त होने वाले अरबों रुपयों को नागरिक सुविधाओं के लिये छोड़ने को तैयार नहीं है व विद्युत नियामक आयोग में उसी का बोलबाला है.
राज्य सरकार की नीतियों के कारण यहां का किसान, उद्योग व आम जनमास सब परेशान हैं. महंगी बिजली के चलते उद्योग बंद हो रहे हैं. किसान बिजली बिल ना पटा पाने की स्थिति में आत्महत्या तक करने को मजबूर हैं. ऐसे में विद्युत दरें कम होती हैं तो प्रदेश के उद्योग-व्यापार के साथ ही किसानों और आम जनता को भी लाभ होगा. बिस्सा ने आशा व्यक्त की है कि इससे प्रदेश की लगातार की गिरती आर्थिक विकास दर भी थमेगी.