शहर और विकास से कोसों दूर रहते हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी बैगा परिवार. इन्हे शहरी वातावरण ज्यादा रास नहीं आता. ऐसे परिवारों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ना सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था. क्योंकि सुविधाओं के अभाव और गरीबी के चलतेे इनके हालात बदहाल थे. किसी तरह की दुर्घटना या स्वास्थ्य खराब हो जाने पर मरीज को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता था क्योंकि ये परिवार समय रहते सूचना ही नहीं भेज पाते थे. लिहाजा रमन सरकार ने ठान लिया कि इन परिवारों को विकास की धारा से जल्द ही जोड़ा जाएगा. पूरे कवर्धा जिले में ऐसे परिवारों की कमी नहीं जो आज भी वनांचलो में रह कर जीवन जी रहे हैं. इनके पास मूलभूत सुविधाओं के अतिरिक्त कुछ भी नहीं. आदिवासी परिवार के बच्चे और महिलाएं किसी से पिछड़े नहीं इसलिए राज्य की रमन सरकार ने संचार क्रांति योजना के तहत इन परिवारों तक स्मार्ट फोन पहुंचाने का संकल्प लिया है. 

विधि अग्निहोत्री, प्रदीप गुप्ता ।  कवर्धा जिले में शासकीय कॉलेज में पढ़ने वाली आदिवासी अंचल की कई छात्राएं कई बार पर्याप्त ज्ञान की नहीं मिलने की वजह से पिछड़ रही थी. पिछड़ने का कारण था उनके पास फोन का ना होना क्योंकि आजकल अधिकतर पढ़ाई इंटरनेट के माध्यम से होती है. कई बार कुछ जानकारी पुस्तकों से नहीं मिल पाती. ऐसी स्थिति में ये छात्राएं पीछे रह जाती. लेकिन प्रदेश के मुखिया के होते किसी भी नागरिक को अपनी चिंता करने की जरूरत नहीं. मुख्यमंत्री ने इस अंचल की छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने और इनका आत्मविश्वास बढ़ाने की ठानी. संचार क्रांति योजना के तहत जब से इन छात्राओं को स्मार्ट फोन बांटे गए है तब से एक बड़ा बदलाव इनके जीवन में आया है. अब इन्हे पढ़ाई की चिंता नहीं साथ ही ये अब अपनी सुरक्षा को लेके भी निश्चिंत हैं. साथ ही सोशल मीडिया से जुड़कर भी देश दुनिया की खबरों से रूबरू हो रही हैं

छत्तीसगढ़ को डिजिटल बनाने के लिए प्रदेश भर में इस योजना को लागू किया गया है. रमन सरकार की सपना है कि प्रदेश की महिला अपने हर काम खुद कर सके किसी दुसरे पर निर्भर न रहे आज वही सपना सकार सकार हो रहा है. कल तक जो महिला मोबाईल पर बात करने के लिए तरसती थी वही महिला आज अपने रिश्तेदारों व अपने करीबी लोगो से आज स्मार्ट फोन पर विडियो काॅलिंग कर अपनो की हालचाल पुछ रही है. साथ ही सोशल मीडिया मेसेज के जरिये अपने लोगों से बात कर रही है, इन महिला कभी सपने में सोचे भी नही थी कि हम कभी मोबाइल पर बात करेंगे लेकिन रमन सरकार की इस योजना ने महिलाओ की जिंदगी बदल की दी है.
वहीं अब महिलाओं का कहना है कि रमन सरकार की इस योजना से हम पहले की अपेक्षा आत्मनिर्भर हो रही है, साथ ही स्मार्ट फोन के माध्यम से सरकार की जनकल्याण योजना से सीधा जानकारी मिलती रहेगी. जिले की छोटी बड़ी खबरें भी मोबाइल के जरिये मिल रही हैं. अब छेड़छाड़ की कोई घटना अगर होती है, तो सीधा पुलिस से संपर्क कर मौके पर बुला सकती है. इसके अलावा यदि कहीं भी सड़क दुर्घटना होती है, तो 108 डायल कर एम्बुलेंस को बुलाया जा सकता ताकि किसी का जिंदगी बचाया जा सके. साथ ही प्रसव के समय 102 डायल कर महतारी एक्सप्रेस को घर बुलाकर प्रसुता को सीधे अस्पताल पहुंचाया जा सकता है जिससे महिला और बच्चे का वक्त रहते अस्पताल में सही इलाज कराया जा सकेगा है. सबसे महत्वपूर्ण बात प्रदेश की महिलाएं प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह से सीधे बात कर अपनी शिकायत कर सकती है. अब प्रदेश को डिजिटल बनाने से कोई नहीं रोक सकती है, क्योंकि यहां की महिला स्मार्ट हो रही है.
जिले का वनांचलों से घिरा होने के बाद भी अब यहां के हालात तेजी से बदलने के आसार साफ देखे जा रहे हैं, गरीब आदिवासी बैगा परिवारों के हाथों में स्मार्ट फोन और कुशलता से स्मार्ट फोन को इस्तेमाल करते देखना किसी चमत्कार से कम नहीं. एक वक्त पर इन बैगा आदिवासियों की पहचान पारंपरिक दवाई बनाने तक ही सीमित थी लेकिन ये भ्रम भी अब आदिवासी तोड़ रहे है. आप जाकर देखिए बैगा समाज की महिलाओं को समाजिक रूढ़िवादिता को तोड़ ये स्मार्ट बन अपनी नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर हैं और ये सब संभव हो पाया राज्य के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की योजनाओं के कारण. जिस तरह से प्रदेश के मुखिया के द्वारा पूरी तन्मयता और समर्पण के साथ राज्य की जनता के उत्थान का प्रयास किया जा रहा है उससे छत्तीसगढ़ राज्य जल्द ही अपनी बीमारू और नक्सलवाद ग्रस्त राज्य की छवि को तोड़ एक विकसित राज्य का दर्जा पा लेगा.
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