उम्मीद से भरी बूढ़ी आंखों का एक सपना था. एक आस थी जो डबडबाई आंखों से आंसू बनके छलक पड़ती. मन कसक सा जाता, जब दूसरों के आंगन में खेलते छोटे-छोटे कदमों को देखते. बच्चों की खिलखिलाहट से अपनी सारी परेशानी भूल जाया करते. हर दिन बस एक ही दुआ करते कि बेटा बहू इस बार जल्दी गांव आएं. ये दर्द सिर्फ एक परिवार का नहीं लाखों परिवारों का है जिनके बच्चे रोजगार के सिलसिले में गांव से बाहर काम करते हैं और अपने पीछे छोड़ जाते हैं अपना गांव और बूढ़े माता-पिता. माता पिता भी ये सोच के अपना मन बहला लेते हैं कि बच्चे तो त्यौहार में गांव आएंगे. लेकिन बूढे़ होते हाथ जब कंपकपाने लगते हैं, तो लगता है काश बेटा आकर हाथ थाम ले. कदम लड़खड़ाते है तो लगता है कि बेटा अपने कंधों का सहारा देकर संभाल ले. रोज पोते पोतियों का हंसता खिलखिलाता चेहरा देखने को मिल जाए ताकि शरीर की तकलीफें कुछ देर के लिए भूल जाएं. इन बूढ़ी आंखों का अधूरा ख्वाब कोई समझ नहीं पाता. लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इन बुजुर्गों का दर्द समझा, जिन्होने पहले गरीबी का दंश झेला है और अब अकेलेपन की पीड़ा का घूंट पी रहे. जब से इनके हाथों में स्मार्ट फोन आया है इनके आंखों की चमक बता रही कि राज्य के बुजुर्ग कितने खुश हैं. 

रवि गोयल, विधि अग्निहोत्री । मालती राठौर मल्दी गांव की रहने वाली हैं खेती किसानी करके, एक-एक पाई जोड़कर बेटे को पढ़ाया ताकि बेटे को गरीबी की पीड़ा ना झेलनी पड़े. अब बेटा शहर में रहकर काम करता है. त्यौहारों में घर आ जाता है. लेकिन बेटे से दूर रहकर मालती दुखी रहती. पोते से मिलने की इच्छा बहुत होती थी. लेकिन बेटे का शहर से बार-बार गाँव आना भी कहां संभव था. लेकिन जब से मालती के पास स्मार्ट फोन आया है मालती खुशी से फूले नहीं समा रही. जब मन करता है बेटे बहू से बात कर लेती हैं पोते को देखने का मन करता है तो झट से वीडियो कॉल करके घंटो बात करती हैं अब मालती का पोता भी खुश कि रोज दादी से नई-नई कहानी सुनने को मिलती है. मालती ने बताया कि नौकरी कि वजह से बेटे बहु से दूर होने कि वजह से अक्सर उदास रहती थी मगर अब रमन सरकार कि इस योजना ने दूरियां मिटा दी हैं.

वहीं तागा गांव की राधा कश्यप स्मार्ट फोन मिल जाने से बहुत खुश है. राधा ने बताया कि इस योजना से फोन मिल जाने से हर काम आसान हो गया है. ग्रामीण क्षेत्र कि अधिकतर महिलायें जिनकी दुनिया केवल चूल्हा चौका तक ही सीमित था. अब रमन सरकार कि इस योजना के बाद मोबाइल पाकर उनकी भी जिंदगी बदल रही है. राधा अब स्मार्ट फोन से ही बिजली बिल का भुगतान कर लेती हैं, यूट्यूब पर सीरियल देख लेती हैं. आनलाइन शॉपिंग करना भी सीख रही हैं. राधा ने बताया कि पहले हर काम के लिए अपने परिजनों पर निर्भर रहना पड़ता था. कहीं जाना होता है तो अब फोन का सहारा लेती है. फोन ने उन्हे आत्मनिर्भर बना दिया है. 

अकलतरा की रहने वाली राधा कश्यप मध्यम वर्गीय परिवार से है. पति कि आय इतनी नहीं है कि एक और फोन खरीद सके. घर के चुल्हा चौका तक ही जिंदगी सीमट कर रह गई थी मगर अब घर के काम के साथ-साथ मोबाइल में जरुरी चीजें भी सीख रही है साथ ही साथ फोन उनके लिए एक मनोरंजन का साधन भी हो गया है फोन पर ही खाना बनाने की नई-नई विधि सिख लेती हैं, रिश्तेदारों से बात कर लेती हैं. मोबाइल में उपलब्ध फ्री इन्टरनेट के जरिये अब घरेलु महिलायें भी आधुनिक युग कि तरफ कदम बढ़ा रहीं है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया के सपने को एक कदम आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचार क्रांति योजना की शुरुआत की है जिसमें राज्य के सभी गांव में मोबाइल के जरिये लोगों को शासन की योजनाओं से जोड़ने की तैयारी कर ली है. प्रदेश के युवा पीढ़ी से लेकर हर तबके के लोगो को इसका लाभ दिया जा रहा है. इस योजना से राज्य के करोड़ो लोगों को फायदा मिल रहा है. योजना के तहत राज्य सरकार प्रदेश के 45 लाख लोगों को स्मार्टफोन देने जा रही है. केवल जांजगीर चांपा जिले में हि 2 लाख 63 हाजर 6 सौ स्मार्ट फोन का वितरण किया जा रहा है. जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रो में सबसे अधिक करीब 2 लाख 18 हजार मोबाइल फोन का वितरण होना है इसके अलावा शहरी क्षेत्रो में करीब 19 हजार एवं छात्राओं को करीब 26 हजार स्मार्ट फोन का वितरण किया जाना है. स्मार्टफोन बांटने में परिवार की महिला सदस्य को प्राथमिकता दी गयी है. खास बात यह है कि लोगों को न सिर्फ फ्री फोन दिए जाएंगे बल्कि उन्हें इंटरनेट और कॉलिंग की सुविधा भी मिलेगी.

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