रिपोर्ट-अमित श्रीवास्तव, बैकुन्ठपुर। ईमानदारी के किस्से तो अक्सर किताबों में ही पढ़ने को मिलते हैं लेकिन कुछ लोग आज भी हैं जिनकी वजह से ईमानदारी जैसा शब्द आज भी जीवित है। सोचिए अगर आप को लाखों रुपए से भरा कोई बैग मिल जाए तो आप क्या करेंगे।
जाहिर है कुछ देर के लिए आपका भी ईमान डोल जाए लेकिन बैकुण्ठपुर के एक शख्स ने इस दौर में भी न सिर्फ अपना ईमान जिंदा रखा बल्कि सभी के लिए एक मिसाल भी स्थापित की। दरअसल गढ़ेलपारा के किराना व्यवसाई मोहम्मद अकबर रोज की तरह सुबह नमाज पढ़ कर घर लौट रहे थे इसी दौरान बाजारपारा में उन्हें हनुमान मंदिर के पास एक थैला पड़ा मिला।
घर जाकर उन्होंने देखा तो थैले में एक टेबलेट कुछ राशन कार्ड और 2 लाख 36 हजार रुपये थे। उन्होंने संबंधित राशन दुकान में पता किया तो पता चला कि थैला इन्द्र प्रताप तिवारी नाम के एक शख्स का था।
उन्होंने तिवारी से संपर्क कर उन्हें उनका पैसा और जरुरी कागजात समेत थैला वापस कर दिया। पैसों से भरा थैला वापस मिलने पर इन्द्र प्रताप भी अकबर की ईमानदारी के कायल हो गए। अकबर की इस ईमानदारी के चर्चे बैकुंठपुर के लोगों के जुबान पर है।