रायपुर। राजधानी रायपुर के सबसे पॉश कॉलोनी माने जाने वाले समता कॉलोनी में सड़क पर कब्जा करने का मामला सामने आया है. सड़क पर कब्जे का आरोप भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के भाई योगेश अग्रवाल पर लगा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि योगेश अग्रवाल ने 40 से 50 साल पुरानी सड़क को खोदकरर बाउंड्रीवाल तैयार कर दी है. कॉलोवासियों ने कुछ दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि समता गृह निर्माण सहकारी समिति के रिकार्ड में भी मोहल्ले की सड़क सार्वजनिक उपयोग के रूप में अंकित है. वहीं सड़क विवाद के प्रकरण का निराकरण अभी नहीं हुआ. लोगों का यह भी कहना था कि सड़क पर किसी का कब्जा नहीं हो सकता, न ही इस पर किसी मालिकाना हक है. राधाकृष्ण मंदिर जाने वाला मार्ग सार्वजनिक है.
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सीधे सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी का आरोप है कि सत्ता के संरक्षण में यह पूरा खेल चल रहा है. मंत्री के भाई दादागिरी कर सड़क को हथियाने में लगे हैं. सड़क की जमीन कैसे किसी की हो सकती है. त्रिवेदी ने यह भी कहा कि इन दिनों रमन सरकार के मंत्रियों के रिश्तेदारों का हर जगह अलग-अलग कारनामा दिख रहा है. कहीं किसी मंत्री का रिश्तेदार पुलिस वालों को पीट रहा है, किसी पत्रकार के घर पर हमला कर रहा है, किसी युवती को हवस का शिकार बना रहा है. अब राजधानी में सड़क पर कब्जा करने का आरोप एक कद्दावर मंत्री के भाई पर लग रहा है. यह सब सत्ता के धौंस पर हो रहा है.
कॉलोवासियों की ओर दिए गए दस्तावेज
योगेश अग्रवाल ने कहा- कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में, इस पर राजनीति हो रही है
योगेश अग्रवाल के मुताबिक कोर्ट में इस पूरे मामले में का निराकरण हो चुका है. योगेश अग्रवाल ने भी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं. जिसमें कोर्ट ने प्रकरण समाप्त करने का फैसला दिया है. योगेश अग्रवाल का कहना है कि यह सड़क उनकी ओर से बनवाई गई थी. सड़क कॉलोनी की नहीं है. हमने अपने प्लाट जाने का लिए सड़क बनाई थी. लेकिन सालों तक लोग इस उपयोग करते रहे. जब इसे लेकर विवाद शुरू हुआ तो मामला कोर्ट में चला गया था. जिला एवं सत्र न्यायलय में प्रकरण की सुनवाई अप्रेल 2018 में पूरी हुई है. इसमें कोर्ट से फैसला हमारे पक्ष में आया है. अब इसे लेकर कहीं कोई विवाद नहीं है. इस मामले को जबरिया तुल दिया जा रहा है. उन्हें बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है. वहीं उनके परिवारवालों को भी इसमें घसीटा जा रहा है. मेरा कॉलोवासियों से कोई बैर नहीं है. सालों से इस कॉलोनीवासियों से मेरा आत्मीय रिश्ता रहा है. लेकिन कुछ लोग इसके जरिए राजनीति करने में लगे हैं.
योगेश अग्रवाल की ओर से दिए गए दस्तावेज