चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग।  बालोद के डौंडी में हुए माइनिंग ठेकेदार सुनील जैन हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने हत्याकांड के 72 घंटे के भीतर एक महिला समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं 2 आरोपी अभी भी फरार हैं. घटना की मास्टर माइंड और कोई नहीं बल्कि जैन का ड्राइवर धनराज शर्मा ही निकला. धनराज अपने दो दोस्तों राकेश और ऋषभ नायक के साथ मिलकर सुनील जैन के घर में डकैती का प्लान बनाया. दोनों आरोपियों ने अपने साथ रायपुर की रहने वाली हीरा नेताम को भी शामिल किया. हीरा नेताम एक गिरोह की सदस्या थी जो कि चोरी डकैती जैसी वारदात को अंजाम देते थे. महिला जो कि पूर्व में चोरी के एक मामले में 2 महीने पहले जेल से छूटकर बाहर आई थी. उसने उड़ीसा के संबलपुर से 5 और लोगों को बुलाकर सुनील जैन के घर में डकैती डालने की योजना में शामिल किया. धनराज को सुनील जैन के संबंध में सारी जानकारियां थी कि सुनील जैन जो कि माइनिंग ठेकेदार थे और बड़ी रकम का लेन-देन किया करते थे. अक्सर वो पैसे घर में रखते थे. इसी उम्मीद में कि जैन के यहां डकैती डालने से एक बड़ी रकम पर वे अपना हाथ साफ कर सकते हैं लिहाजा वे 24 नवंबर को सभी आरोपी रायपुर से मोटर साइकिल और आटो से डौंडी पहुंचे.

 

जहां वे दीवार फांदकर जैन के घर पहुंचे और ऊपरी मंजिल में रहने वाले उसके नौकर व रसोईया शैलेन्द्र जायसवाल के कमरे को बाहर से बंद कर दिया और नीचे आकर जैन के कमरे में दाखिल हो गए. वहां घर की तलाशी ली उसी दौरान सुनील जैन से उनका सामना हो गया. चूंकि धनराज जैन का ही ड्रायवर था और वह उसे पहचान लिया था. जिसकी वजह से उन्होंने जैन की गला दबाकर हत्या कर दिये और उनकी सोने की चैन अंगूठी और कुछ नगदी रकम लेकर फरार हो गए.

घटना के दूसरे दिन 25 तारीख की सुबह जब जैन के रसोईये शैलेन्द्र उठा तो उसका कमरा बाहर से बंद था और सुनील जैन को फोन लगाया तो उनका फोन नहीं लगा. तब वह पड़ोस में रहने वाले अंकित जैन को फोन लगाकर कमरा बंद होने की जानकारी दी.  जिसके बाद अंकित छत के रास्ते से पहुंचकर दरवाजा खोला. नीचे जाने पर उन्होंने सुनील जैन के कमरे का सारा सामान अस्त-व्यस्त देखा और पास में ही उनका शव पड़ा हुआ था. जिसकी जानकारी अंकित ने पुलिस को दी. घटना की जानकारी लगते ही आईजी जीपी सिंह समेत तमाम आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे. आईजी जीपी सिंह ने तुरंत ही मामले की पतासाजी और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दुर्ग-भिलाई क्राईम ब्रांच, बालोद क्राइम ब्रांच समेत चार टीमों का गठन किया. इस मामले में बिलासपुर और रायपुर क्राइम ब्रांच की भी मदद ली गई.

घटना की जांच कर रही पुलिस टीम ने कुछ सीसीटीवी फुटेज बरामद किया और रायपुर से ड्रायवर धनराज शर्मा को हिरासत में लिया तो आरोपी पूछताछ में ही पुलिस के सामने टूट गया और अपना गुनाह कुबूल करते हुए हत्याकांड की सारी जानकारियां पुलिस को दे दी. आरोपी धनराज से पूछताछ के बाद पुलिस ने रायपुर की रहने वाली 20 वर्षीय महिला हीरा नेताम को भी गिरफ्तार किया. हीरा नेताम से पूछताछ में उड़ीसा से पहुंचे सभी पांचो आरोपियों की जानकारी लगने के बाद पुलिस की टीम उड़ीसा रवाना हो गई. जहां से सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर दुर्ग लाया गया.

ड्रायवर को रास्ते से हटाने का था प्लान

हीरा नेताम ने अपने साथियों राकेश और ऋषभ के साथ ड्रायवर धनराज रास्ते से हटाने का प्लान बनाया था. हीरा को डर था कि धनराज जो कि जैन का ड्रायवर था तो पुलिस उसे शक के आधार पर गिरफ्तार कर सकती है.  इसके पहले वो अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर धनराज को भी मौत के घाट उतारती पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

ईनाम की अनुशंसा

इस मामले में आईजी जीपी सिंह ने बताया कि पुलिस की टीम बगैर सोए लगातार 48 घंटे काम किया जिसकी वजह से पूरे मामले में तीन दिन के भीतर खुलासा हो सका. इस मामले में आईजी जीपी सिंह ने पुलिस की टीम को ईनाम देने की भी घोषणा की है.