रायपुर। अंतागढ़ टेप कांड मामले में पिछली सरकार में रहे कई बड़े अधिकारियों तक इस जांच की आंच पहुंच रही है. अब तक इस मामले में यह माना जाता रहा है कि इसमें सिर्फ नेताओं की ही भूमिका रही है. लेकिन पिछली सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहे कई बड़े अधिकारियों की इस पूरे मामले में संलिप्तता होने की जानकारी निकल कर सामने आ रही है.

अंतागढ़ टेपकांड मामले में फ़िरोज़ सिद्दीकी ने जो टेप एसआईटी को सौंपी है. सूत्रों के मुताबिक उनमें इस कांड से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग मौजूद है. जबकि इस मामले की एक टेप ही अब तक सार्वजनिक हुई है. कई रिकॉर्डिंग मिलने के बाद घटनाक्रम की कड़ियाँ एक दूसरे से जुड़ती जा रही हैं.

सूत्रों के मुताबिक़ फ़िरोज़ सिद्दीकी ने इस घटना के दौरान जो सारे टेप जमा किये हैं, उसमे कई दौर की बातचीत है. जिसमे वो अधिकारी बेनकाब होंगे, जिनकी इस साजिश में अहम भूमिका रही है. इन अधिकारियों में पुलिस विभाग के बड़े अफसर भी शामिल हैं.

माना जा रहा है कि एसआईटी जल्द ही इन अधिकारियों को बयान के लिए तलब करेगी. जिसके बाद एसआईटी सब पर शिकंजा कसना शुरु कर देगी. यह भी माना जा रहा है कि आने वाले डेढ़ दो महीने के भीतर एसआईटी इस पूरे मामले का भांडाफोड़ करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार भी कर सकती है.

वहीं इस मामले में कांग्रेस की ओर से रविवार रात्रि में पंडरी थाने 5 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. कांग्रेस प्रवक्ता और अधिवक्ता किरणमयी नायक ने पूर्व सीएम अजीत जोगी, पूर्व विधायक अमित जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व विधायक मंतूराम पवार और डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

आपको बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस 2015 में इस टेपकांड को सामने लेकर आई थी. इंडियन एक्सप्रेस ने टेप के हवाले से एक खबर छापी थी. जिसमें कथित रूप से अजीत जोगी के बेटे और तत्कालीन मरवाही विधायक अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के दामाद डॉक्टर पुनीत गुप्ता के बीच बातचीत का कथित ऑडियो है. जिसमें दोनों कथित रूप से रुपयों के लेनदेन की बात कर रहे हैं. ये लेनदेन कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार के नाम वापिस लेने को लेकर है.

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