रायपुर। अक्षय तृतीया विवाह के लिये सबसे शुभ मुहुर्त माना जाता है, लेकिन इसी दिन सबसे ज्यादा बाल विवाह भी होती है. हांलाकि बाल विवाह अपराध है, और इसको लेकर लोगों में जागरुकता आई है. बावजूद इसके समाज से अब भी ये कुरीति पूरी तरह नहीं हट पाई है. रायपुर जिले में भी अक्षय तृतीया के दिन दो बाल विवाह का मामला सामने आया. लेकिन रायपुर जिला प्रशासन की मुस्तैदी से बाल विवाह होने से पहले बच गया. पहला मामला रायपुर में वासुदेव पारा का था, जहां गोवर्धन शर्मा अपनी बेटी की शादी करवा रहे थे, जिसकी उम्र 18साल से कम थी.
वहीं दूसरा मामला धरसींवा के कुंरा गांव का था, जहां मनहरण अपनी बेटी का बाल विवाह करवा रहे थे. जिला प्रशासन को जैसे ही इन दोनों बाल विवाह की जानकारी मिली टीम ने वहां पहुंचकर ना सिर्फ बाल विवाह  होने से रोका, बल्कि परिवारों को भविष्य में बाल विवाह में शामिल ना होने की शपथ भी दिलाई.
गौरतलब है कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की संभावना को देखते हुए रायपुर कलेक्टर ओ.पी.चौधरी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को पहले ही निर्देशित कर दिया था, और इसके लिये टीम का भी गठन कर दिया था.