रायपुर. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय भिलाई द्वारा संयुक्त जीव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार संयंत्र ई-टेक प्रोजेक्ट्स प्रा.लि. के विरूद्ध पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत बडी कार्यवाही करते हुए उद्योेग को तत्काल बंद करा दिया गया। विदित हो कि मेसर्स ई-टेक प्रोजेक्ट्स प्रा.लि. भिलाई द्वारा जीव चिकित्सा अपशिष्टों के निपटान के लिये संयुक्त उपचार सुविधा चलाई जा रही थी, जिसमें भिलाई एवं रायपुर के चिकित्सा संस्थानों द्वारा अपने जीव चिकित्सा अपशिष्ट भेजे जा रहे थे।
संयंत्र द्वारा जीव चिकित्सा अपशिष्ट नियम 1998 एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय समय पर जारी मार्गदर्शिका के अनुरूप कार्यवाही नही की जा रही थी। ई-टेक द्वारा संयुक्त जीव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा के अंतर्गत जैव चिकित्सा अपशिष्टों के अपवहन एवं व्ययन के लिये किये जा रहे अनुबंध के तहत बिस्तरों की संख्या भी दस हजार से अधिक हो चुकी थी।
संस्थान द्वारा इनसेनिरेटर के संचालन के समय प्रायमरी व सेकेण्डरी चैंबर के तापमानों में निर्धारित तापमानों से बहोंत कम 534 से 600 डिग्री सेन्टीग्रेड पर संचालित किया जा रहा था। जिससे अपशिष्टों का पूर्ण रूप से भस्मन नही हो पाने के कारण प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो रही थी। पर्यावरणीय मानकों का पालन न करने के कारण छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल ने संस्थान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए संस्थान को तत्काल बंद करने के निर्देश जारी किये हैं।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा रायपुर क्षेत्र में संयुक्त जीव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा के अंतर्गत मेसर्स एस.एम.एस. वाॅटर ग्रेस इन्वायरो प्रोटेक्ट प्रा.लि. रायपुर को अधिकृत किया गया है। अब यह संस्थान 75 किलो मीटर के दायरे में स्थापित चिकित्सालयों से उत्पन्न जैव चिकित्सा अपशिष्टों को उपवहन/व्ययन के लिये अनुबंधित करेगा।