भोपाल| मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट मीटिंग में इस दफा कुछ अलग था. कैबिनेट में सभी मंत्री टिफ़िन लेकर पहुंचे और सभी ने साथ बैठ कर भोजन भी किया. सभी मंत्रियों ने एक दुसरे से अपना अपना टिफिन साझा भी किया. नजारा कुछ यूँ हुआ मानों ये संसद में बहस करने वाले मंत्री न हों बल्कि स्कूल में पढने वाले सहपाठी हों. खुद सीएम शिवराज सिंह ने भी पत्नी के हाथ के बने आलू बोंडे, दाल चावालोर रोटी सभी से साझा की. उन्होंने हर मंत्री को खुद अपने हाथों से घर से लाया भोजन परोसा. राज्य की सियासत में संभवत: यह पहला मौका था, जब मंत्रिपरिषद की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे मंत्री अपने-अपने घर से टिफिन लाए और एक पारिवार कीतरह मिल बाँट कर खाएं. मीडिया इसे शिवराज सिंह चौहान की ‘टिफ़िन डिप्लोमेसी’ नाम दे रही है. अपने कैबिनेट के साथियों के साथ अनुकूल माहौल बनाने के मकसद से चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के साथियों को कैबिनेट की बैठक में अपने-अपने घर से ‘टिफिन’ लाने के निर्देश दिए थे.
कैबिनेट मीटिंग के बाद एमपी के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि ‘यह भाजपा नेताओं के लिए नया नहीं है. यह प्रथा है. हम प्राय: पार्टी की बैठकों में भी अपना-अपना टिफिन ले जाया करते हैं. यह केवल शुरुआत है. हम और भी टिफिन मीटिंग करेंगे. उन्होंने कहा कि 20 मई के बाद मुख्यमंत्री सहित मंत्री भी जिला मुख्यालयों में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह की टिफिन मीटिंग करेंगे.
देखना ये है कि शिवराज सिंह चौहान की ये टिफ़िन डिप्लोमेसी क्या रंग लाएगी? क्या शिवराज टिफ़िन के ज़रिये मंत्रियों में आपसी सौहाद्र् उपजा पाएंगे?