रमेश सिन्हा,महासमुन्द. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा स्तर सुधारने के बड़े बड़े दावे किये जाते रहे है. अच्छे शिक्षक, अच्छे भवन सहित समस्त सुविधायें सरकारी स्कूलों में दिये जाने के दावे करते सरकार नहीं थकती है. इसके लिए हर साल सरकार द्वारा बजट में करोड़ों रुपये का प्रावधान भी किया जाता है. लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिलकुल विपरीत है.
प्रदेश की अधिकतर स्कूल जर्जर हालत में है, कुछ स्कूलों की स्थिति तो इतनी बद से बत्तर है कि उस स्कूल की छत कब गिर जाये कहा नहीं जा सकता. ऐसे में वहां पढ़ने वाले छोटे छोटे मासूम बच्चों का क्या होगा, इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है.किस्मत अच्छी रही कि इस तरह की घटना अब तक बच्चों के रहते स्कूलों में नहीं घटी. लेकिन छत गिरने के अनुभव को पिथौरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने जरूर महसूस किया होगा.
जी हां, उनके कार्यालय में कुछ ऐसा ही हादसा तब देखने को मिला जब कुछ शिक्षक दफ्तर में अपना शासकीय काम निपटा रहे थे. उसी दौरान कमरे की छत पर लगा प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा गिर गया. प्लास्टर गिरते ही कमरे में भगदड़ मच गया. सभी लोग कमरे के बाहर की ओर भागने लगे. राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी को भी चोट नहीं आई. लेकिन घटना के बाद से ही शिक्षक सहित दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारी डरे हुए है.
आपको जान कर हैरानी होगी महासमुन्द जिले के पिथौरा ब्लाक को छोडकर सभी ब्लाक मुख्यालय में ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भवन है. लेकिन आज तक पिथौरा में ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भवन नहीं बन पाया है.विकासखंड शिक्षा अधिकारी का भवन नहीं होने से यह दफ्तर बुनियादी शाला के जर्जर भवन में संचालित हो रहा है.
बता दें कि पिथौरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी के जिम्मे ब्लाक भर के कुल 447 स्कलों के संचालन की जवाबदारी है. जिसमें से 7 स्कूल पूरी तरह से जर्जर हो चुके है. जो कभी भी गिर सकता है. ऐसी स्थिति में बच्चों के साथ किसी बड़े हादसे या अनहोनि से इंकार नहीं किया जा सकता है.
ऐसे में इन स्कूलों के जीर्णोद्धार की विकासखंड शिक्षा अधिकारी से उम्मीद करना भी बेमानी होगी. क्योंकि इस विकासखंड शिक्षा अधिकारी का दफ्तर तो खुद ही जर्जर हो चुके भवन में संचालित हो रहा है. और इस दौरान हुए एक हादसे में दफ्तर में मौजूद कई शिक्षक और कार्मचारी बाल बाल बचे है.
जर्जर भवन को लेकर बच्चों के पालकों ने कई बार स्कूल शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया है. बावजूद इसके अब तक किसी ने भी इन जर्जर हो चुके स्कूलों की सुध नहीं ली है.
विकासखंड शिक्षा अधिकारी के के ठाकुर का कहना है कि जर्जर स्कूलों की स्थिति के बारे में उच्च अधिकारियों को बता दिया गया है, जल्द ही नये भवन बनाये जायेंगे. अधिकारी ने बताया कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिए हमने स्कूल शिक्षा विभाग को कई बार मांग पत्र भेजा है. बावजूद इसके अभी तक नये ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की स्वीकृति नहीं मिली है.