रायपुर- छत्तीसगढ़ के जाने माने समाजसेवी निरंजन लाल अग्रवाल नहीं रहे. 90 वर्षीय निरंजन लाल अग्रवाल पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. आज उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन से शहर स्तब्ध है. निरंजन लाल अग्रवाल वंदना ग्रुप आफ कंपनीज की रीढ़ की हड्डी कहे जाते थे. 1928 में रायगढ़ जिले के खरसिया में पैदा हुए निरंजन अग्रवाल ने अपनी मेहनत, इमानदारी और दूरदृष्टि की बदौलत एक बड़ा औद्योगिक साम्राज्य खड़ा किया था. वह दूरदर्शी उद्योगपति थे.
कृषि, राइस मिल्स, आयल मिल्स, आयरन, वन उत्पाद, स्टील, पॅवर जैसे कई क्षेत्रो में न केवल उन्होंने व्यवसाय खड़ा किया, बल्कि उन्हें सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाया. वंदना गुप आफ कंपनीज उनकी मेहनत की बदौलत आज देश में पहचान बनाने में सफल हो पाई है. कंपनी की बागडोर अपने बेटों को सौंपने के बाद बीते 15 सालों से निरंजन लाल अग्रवाल पूरी तरह से समाजसेवा के लिए समर्पित हो गए थे. विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीब कल्याण के लिए लगातार काम करते रहे. गरीबों को वित्तीय मदद दिए जाने से लेकर जरूरतमंद बच्चों की मुफ्त शिक्षा की जिम्मेदारी उठाई.
निरंजन लाल अग्रवाल की पहल पर ही रामस्वरूप निरंजनलाल चैरिटेबल ट्रस्ट शुरू कर 2004 में वीआईपी रोड पर धर्मशाला का निर्माण कराया गया. तमाम सुविधाओं से लैस यह धर्मशाला आज राजधानी रायपुर में सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजनों का बड़ा केंद्र माना जाता है. ट्रस्ट द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़ा काम किया गया. गंगा डायग्नोस्टिक एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर शुरू करते हुए जरूरतमंद मरीजों को उचित दरों पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवाएं दी जा रही है. सेंटर में एमआरआई, एक्स रे, सीटी स्कैन, एंडोस्कोपी, पैथोलाजी लैब, डेंटर, इको कार्डियोग्राफी सहित कई तरह के परीक्षण की सुविधाएं बेहद कम दरों पर प्रदान की जाती हैं.