शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में केंद्रीय जेल में राखी नहीं बांध पाने से नाराज बहनों ने जमकर हंगामा किया. प्रतिबंध के बावजूद बहनें राखी बांधने पहुंची. जहां जेल प्रशासन के मना करने के बाद बहनों का गुस्सा फूट गया. इस दौरान महिलाओं ने जेल के बाहर चक्काजाम करने का प्रयास किया.
दरअसल, कोरोना के चलते जेल में राखी बांधने पर रोक लगाई गई है. बावजूद इसके बड़ी संख्या में बहनें अपनी भाइयों को राखी बांधने पहुंची है. जहां टीआई अरुण शर्मा ने बहनों को समझाया कि मैं भी आपका भाई हूं मुझे राखी बांध दो. हालांकि टीआई के समझाइश के बाद बहनों ने उन्हें राखी बांधकर मान गईं. वहीं कोरोना के चलते जेल प्रबंधन ने दो दिन पहले ही राखियां मंगवा लिया था.
जबलपुर में भी नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल में कैदी भाइयों को बहनें राखी नहीं बांध पाई. जेल पहुंचने पर अवकाश का बोर्ड देखकर बहनें नाराज हो गईं. सैकड़ों की संख्या में जेल में महिलाएं और बच्चे पहुंचे थे. आलम ये है कि अब बहनें मिले ही अपने घरों को नम आंखों से वापस जा रही हैं.
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छिंदवाड़ा जेल में अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनों को निराशा हाथ लगी, क्योंकि कोरोना गाइडलाइन के चलते उनकी अपने भाइयों से मुलाकात नहीं हो पाई. वहीं भाइयों को भी जेल के दरवाजे से बिना राखी बंधवाए ही निराश वापस होना पड़ा. जेल के दरवाजे पर आंसू बहाती हुई बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी ना बांध पाने का दर्द लिए भटक रही थी.
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खंडवा जेल में जाकर अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधने की बहनों की ख्वाहिश पर कोरोना का असर देखने को मिला रहा है. बहनें जेल में बंद अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकीं. कोरोना संक्रमण से बचाव को देखते हुए जेल प्रशासन ने जेल में राखी बांधने पर रोक लगा दी है. इसके बदले जेल के बाहर बहनों को सुरक्षा कर्मियों के पास राखी जमा करना पड़ा. ताकि सुरक्षाकर्मियों जेल के अंदर बन्द भाइयों तक राखी पहुंचा रहे हैं.
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