राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने आज राजनांदगांव जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की। सुनवाई नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के आलोक में राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए की गयी।

आज आयोग में सुनवाई हेतु 15 प्रकरण रखे गये थे।जिसमे से 8 प्रकरण का निराकरण किया गया और अन्य 7 प्रकरणों पर आगामी निर्धारित तिथि में सुनवाई की जाएगी।आज प्रस्तुत प्रकरण में आवेदिकागण जो शासकीय कर्मचारी है।इनके द्वारा अवकाश स्वीकृत ना होने की शिकायत आयोग के समक्ष की गई थी। आयोग के समक्ष हाजिर होने पर यह ज्ञात हुआ कि आयोग की नोटिस अनआवेदक को मिलते ही सुनवाई के ठीक 2 दिन पूर्व ही 20अक्टूबर को अवकाश स्वीकृत कर दिया गया है।जिसकी जानकारी आवेदकगणों को आयोग के समक्ष हाजिर होने पर हुई।एक अन्य प्रकरण में पिता और पुत्री के मध्य संपत्ति विवाद में पुत्री और पिता दोनों को अपने-अपने पक्ष के समर्थन में संबंधित दस्तावेजों को लेकर आगामी सुनवाई की तिथि पर आयोग में उपस्थित होने को निर्देशित किया गया।जिस पर दोनों पक्षों के द्वारा सहमति व्यक्त की गई।इसके अतिरिक्त आयोग के अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के विरुद्ध जो कि स्वास्थ्य विभाग में आर एच ओ के पद पर पदस्थ हैं।उनके विरूद्ध पत्नी और पुत्री को कोई भरण पोषण राशि ना देकर प्रताड़ित करने की जानकारी दी। जिसे आयोग के द्वारा गंभीरता से लिया जा कर संबंधित अधिकारी के उच्च अधिकारियो को पत्र के माध्यम से भरण पोषण राशि हेतु अधिकारी के वेतन से आधा वेतन सीधे प्राप्त करने का आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद उन्हें आयोग के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया गया।एक अन्य मामले मेंअनावेदकगणों की अनुपस्थिति होने पर एसपी राजनांदगांव के माध्यम से आगामी सुनवाई तिथी पर उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

इसके अतिरिक्त माननीय आयोग ने कई विभागों में आंतरिक परिवाद समिति गठन करने पर जोर दिया।रिपोर्ट के अवलोकन के पश्चात महिला उत्पीड़न से संबंधित शिकायत का निराकरण किए जाने की बात कही।