रायपुर. ‘हमर लइकामन हमर सम्मान’ कार्यक्रम के तहत बुधवार को ‘मीडिया फॉर चिल्ड्रन अवार्ड’ समारोह का आयोजन किया गया. ये आयोजन यूनिसेफ और सीएमएसआर के संयुक्त तत्वावधान में हुआ. इस कार्यक्रम में लल्लूराम डॉट कॉम और न्यूज़ 24 मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के चेयरमैन नमित जैन का सम्मान सम्मान किया गया. यह कार्यक्रम विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के मुख्य आतिथ्य में हुआ.

पुरस्कार प्रदान करते हुए, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा, कि जीवन रक्षक सूचनाओं के प्रसार और जनता को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है. ‘मीडिया 4 चिल्ड्रेन’ पुरस्कार राज्य में बच्चों और महिलाओं की भलाई को बढ़ावा देंगे. मैं पोषण, स्वास्थ्य और सुरक्षा में यूनिसेफ के काम की सराहना करता हूं.

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यूनिसेफ ने बढ़ाया मीडिया का हौसला- नमित जैन

सम्मान समारोह में संबोधित करते हुआ न्यूज 24 मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के चेयरमैन नमित जैन ने कहा कि जो पत्रकार मेहनत करते हैं उनका हौसला बढ़ाने के लिए यूनिसेफ ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हमें संवाददाताओं को टीवी में देखकर लगता है कि गैमलर है, लेकिन जो स्टोरी हम टीवी में घर बैठे देखते हैं उसके लिए कड़ी मेहनत लगती है. धूप, बारिश, ठंड, में जंगल पहाड़ हर जगह रिपोर्टर काम करते हैं. तब जाकर हम तक खबरें पहुंचती है.

विधानसभा अध्यक्ष ने की न्यूज 24 की तारीफ

विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यक्रम में सबसे पहले न्यूज 24 मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ की पूरी टीम सहित चेयरमैन नमित जैन को बधाई दी. उन्होंने कहा कि 20 करोड़ की जो आबादी भूखी है, कुपोषित है, इसे कम करने में हम सभी फेल हो रहे हैं. अब सवाल ये उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? कुछ कहेंगे केंद्र सरकार दोषी है. तो कुछ लोग कहेंगे प्रदेश सरकार दोषी है. लेकन हम तो यही कहेंगे कि हमारे पास पैसा और व्यवस्था होने के बाद भी हम सब इस तरह की चीजों को दूर करने में असफल हो रहे हैं.

जागरुकता फैलाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका- जकारिया
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मीडिया ने छत्तीसगढ़ में बच्चों की भलाई में सुधार करने में मदद की है. मीडिया ने परिवारों में बच्चों के अनुकूल व्यवहार को बढ़ावा दिया है. जैसे पहले 6 महीनों के लिए विशेष रूप से स्तनपान, साबुन से हाथ धोना, बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करना और सभी द्वारा शौचालय का उपयोग करना. परिवारों में इन प्रथाओं से बाल मृत्यु, बीमारियों, कुपोषण और एनीमिया को रोका जा सकेगा. बाल श्रम और बाल विवाह को कम करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका का उदाहरण देते हुए जकारिया ने कहा कि मीडिया परिवारों और समुदायों में सामाजिक परिवर्तन ला सकता है. जिससे बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि मीडिया बच्चों से संबंधित मुद्दों को नीति और निर्णय के केंद्र में भी ला सकता है.

अधिकारों के बारे में बढ़ाई जागरुकता- श्याम

यूनिसेफ कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट श्याम बंदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 600 से ज्यादा पत्रकारों के सामूहिक मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स (एमसीसीआर) ने ना केवल बाल अधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़ाई है, बल्कि नीति निर्माताओं, कार्यान्वयनकर्ताओं और प्रभावित करने वाले बच्चों के लिए नीति वकालत को भी मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि पुरस्कार राज्य में बाल अधिकारों के प्रवचन के लिए मीडिया के अथक समर्थन के लिए प्रशंसा और मान्यता का प्रतीक हैं.

इन्हें मिला पुरस्कार :

  • प्रिंट मीडिया-

एजाज कैसर, रश्मि ड्रोलिया, अमरेश झा, रविकांत सिंह, और राजेश प्रसाद गुप्ता को पुरस्कार मिला.

  • इलेक्ट्रॉनिक मीडिया-

सुनील कुमार ठाकुर, कुंज लाल साहू और जनमेजय सिन्हा को पुरस्कार दिया गया.

  • डिजिटल मीडिया-

दामिनी बंजारे और राजकुमार शाह ने डिजिटल मीडिया श्रेणी में पुरस्कार जीते.

  • फोटोग्राफी के लिए-

नसरीन अशरफी, रूपेश कुमार यादव और अंकित मिश्रा ने पुरस्कार जीते.