रायपुर- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में वित्तीय साक्षरता पर महिलाओं को 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण मे धरसींवा, आरंग, अभनपुर, तिल्दा और सिमगा विकासखंड से आई महिलाओं को निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान देना बैंक के अधिकारियों ने बैंक लिंकेज, वित्तीय समावेशन, वित्तीय नियोजन और विभिन्न सरकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला पंचायत की अध्यक्ष शारदा वर्मा ने सभी प्रशिक्षणर्थीयों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी एवं सभी महिलाओं को स्वच्छ भारत अभियान जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से अपनायोगदान देने की शपथ दिलाई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायत के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। वित्तीय साक्षरता सिखकर वे लाभांवित होंगी.
वित्तीय रूप से साक्षर होने का मतलब पैसे का बेहतर प्रबंधन करना है. वित्तीय समझ रखने वाले लोग मौजूदा जरूरतों, बचत और सुविधा एवं लग्जरी से जुड़े खर्च में सही तालमेल बना पाते हैं. मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरू जैसे शहरों में स्कूली बच्चों को बैंक, फाइनेंस, शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड आदि के बारे में बताया जाता है. शॉपिंग के लिए जिस तरह लोग ई-कॉमर्स साईट पर डेबिट/क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं, उसे देखते हुए वित्तीय साक्षरता बहुत जरूरी है. वित्तीय साक्षरता न सिर्फ मध्य वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है बल्कि यह आबादी के उस हिस्से के लिए भी जरूरी है, जो हाशिए पर है.
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