किसानों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे गर्मी में धान की खेती नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा- एक किलो धान की पैदावार लेने में गर्मियों में लगभग तीन हजार लीटर पानी खर्च होता है। इसके बदले हमें रबी की अन्य फसलों की खेती पर ध्यान देना चाहिए। डॉ. सिंह ने जिला कलेक्टर से कहा कि वे समस्यामूलक क्षेत्रों को चिन्हांकित कर वहां गर्मियों में नलकूप खनन पर रोक लगाएं, ताकि भू-जल स्तर को संतुलित रखा जा सके। मुख्यमंत्री ने यह जानकर खुशी जताई कि विकासखंड बरमकेला के चार बच्चों ने इस वर्ष दसवीं बोर्ड की परीक्षा में टॉप-10 विद्यार्थियों में अपनी जगह बनायी है। डॉ. सिंह ने इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने बरमकेला विकासखंड में 98 प्रतिशत संस्थागत प्रसव को भी एक बड़ी उपलब्धि बताया और इसके लिए विकासखंड में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों और मैदानी कर्मचारियों की प्रशंसा की। समाधान शिविर में मुख्यमंत्री ने गौरी साहू को वृद्धावस्था पेंशन और सुखमति महंत को सुखद सहारा योजना के तहत पेंशन की स्वीकृति प्रदान कर दी। डॉ. सिंह से शिविर में बारह वर्ष की निःशक्त बालिका सोनू सांई ने निःशक्तजन प्रमाण पत्र दिलाने का अनुरोध किया। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आज ही शाम तक शिविर में यह प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए।
रायगढ़- दो गांव का एक नाम होने की वजह से आज एक गड़बड़ी हो गई। दरअसल हुआ यूं कि लोक सुराज अभियान के तहत मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह हेलीकाप्टर में सवार होकर रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड के लिंजिर गांव जा रहे थे। उनके साथ मुख्य सचिव विवेक ढांड और सचिव सुबोध सिंह भी थे। हेलीकाप्टर उतरा तो लिंजिंर में ही, लेकिन ये वो लिंजिर नहीं था, जहां सीएम को समाधान शिविर में शामिल होना था। ये लिंजिंर था पुसौर विकासखँड का। हेलीकाप्टर लैंड होने के बाद पता चला कि जाना कहीं और था पहुंच कहीं और गए। बस फिर क्या था दोबारा हेलीकाप्टर ने उड़ान भरी और तब जाकर सीएम सही लिंजिंर पहुंच सके, जहां समाधान शिविर में सैकड़ों की तादात में जुटे ग्रामीण इंतजार में बैठे थे। हालांकि इस पूरी कवायद की वजह से सीएम अपने अधिकारियों के साथ आधा घंटा लेट हो गए।
लिंजिर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने तेन्दूपत्ता मजदूरों से मुलाकात की और वहां चल रहे संग्रहण कार्य का निरीक्षण किया। डॉ. सिंह समाधान शिविर में भी शामिल हुए। उन्होंने ग्रामवासियों को बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष पत्ते की संग्रहण दर 1500 रूपए से बढ़ाकर 1800 रूपए प्रतिमानक बोरा तय कर दिया है। इसके अलावा उन्हें प्रोत्साहन पारिश्रमिक बोनस भी दिया जाएगा। तेन्दूपत्ते के कारोबार से समिति को जितनी आमदनी होगी, उसका 80 प्रतिशत हिस्सा संग्राहकों को बोनस के रूप में मिलेगा। डॉ. रमन सिंह ने ग्राम लिंजिर के समाधान शिविर में आस-पास के गांवों से बड़ी संख्या में आए किसानों और क्षेत्र के ग्रामवासियों को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर लिंजिर के हाईस्कूल का दर्जा बढ़ाकर अगले साल से उसे हायरसेकेण्डरी स्कूल के रूप में संचालित करने की घोषणा की। डॉ. सिंह ने स्थानीय प्राथमिक स्कूल में बाउंड्रीवॉल निर्माण और विकासखंड बरमकेला के बिजलीविहीन बीस मजरों-टोलों में इस वर्ष पन्द्रह अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) तक बिजली पहुंचाने की घोषणा की। डॉ. सिंह ने इन गांवों के विद्युतीकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को तत्परता से कदम उठाने के निर्देश दिए।