दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से जुड़े मामले पर बड़ा फैसला लिया है.कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग पर केवल RO का पानी ही चढ़ाया जाएगा.आदेश शिवलिंग के घिसने की वजह से दिया गया है.ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले यह कहा था कि महाकालेश्वर मंदिर में किसी तरह पूजा अर्चना हो यह तय करना हमारा काम नहीं है.कोर्ट केवल शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए चिंतित है.कोर्ट ने कहा मंदिर की पूजा पद्धति में हम किसी तरह का दखल नहीं देंगे.हम केवल शिवलिंग को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकते हैं. इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर प्रबंधन समिति को वह नोटिस बोर्ड तुरंत हटाने के लिए कहा था जिसमें लिखा था कि कोर्ट के निर्देश पर पूजा के नियम बताए गए हैं।
कोर्ट ने साफ किया कि कोर्ट यह मामला केवल शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए सुन रहा है और इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है.जिसकी रिपोर्ट के आधार पर मंदिर प्रबंधन समिति ने यह प्रस्ताव पेश किए थे।
शिवलिंग के आकार का छोटा के कारण लगाई गई थी याचिका
आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आरओ के पानी से महाकाल शिवलिंग का अभिषेक किया जाना चाहिए.इससे पहले इस पर फैसला होना था कि अभिषेक के लिए पंचामृत (दूध, दही, शहद, शकर और घी) से अभिषेक हो या नहीं और कितनी मात्रा में हो.
दरअसल, चढ़ावे से शिवलिंग के आकार का छोटा (क्षरण) होने के चलते कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.इसके बाद जांच के लिए एएसआई की कमेटी सर्वे के लिए गई थी.