रायपुर। उड़ीसा के बलांगीर जिले में शादी समारोह में मिले पार्सल बम के फटने से दो लोगों की मौत के मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद अब पुलिस को उस आटोचालक की तलाश है जिसे आरोपी ने मोहरा बनाकर पार्सल बम को कुरियर कराया था. पुलिस ने आटोचालक का पता बताने वाले को 25 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा भी की है.

उड़ीसा आईजी क्राइम अरुण बोथरा ने शनिवार को पुलिस कंट्रोल रुम पहुंचे जहां उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आटो ड्राइवर इस केस की सबसे अहम कड़ी है जिसने आरोपी के द्वारा दिए गए पार्सल को कुरियर किया था. पुलिस अब उसे मुख्य गवाह बनाना चाह रही है. जिसके लिए पिछले 15 दिनों से उड़ीसा क्राइम ब्रांच की टीम रायपुर में कैम्प की हुई है. लेकिन उस आटोड्राइवर का पता नहीं चल पाया है. आईजी ने बताया कि उस आटोचालक की जो भी शख्स जानकारी देगा पुलिस उसे 25 हजार रुपए का नगद इनाम देगी.

यह थी घटना

आईजी ने बताया कि  यह मामला बलांगीर के पटनायक थाना का है 23 फरवरी को शादी समारोह में आए गिफ्ट को परिजन खोल रहे थे उसी दौरान एक पार्सल गिफ्ट को खोलने के दौरान जोर का धमाका हुआ. धमाके में दूल्हा सौम्यरंजन साहू और उसकी दादी की मौत हो गई थी वहीं नवविवाहित पत्नी गंभीर रुप से घायल हो गई थी. मामले के 1 माह बाद क्राइम ब्रांच को इस केस को सौंपा गया. मामले की जांच में पुलिस ने पुंजीलाल मेहर को गिरफ्तार किया था. पुलिस के अनुसार आरोपी पूंजीलाल की डायरी पुलिस ने बरामद की थी जिसमें उसने लिखा था मैं महात्मा गांधी और विवेकानंद से बड़ा आदमी बन सकता हूं. पुलिस के अनुसार आरोपी ने पाटनगढ़ से दिवाली के समय पटाखा खरीदा और बारूद निकालकर बम बनाया. डेढ़ से दो किलो बारूद से आरोपी ने बम बनाया था. उसने एक मैकेनिज्म बनाया एलईडी झालर लाइट के बल्ब का इस्तेमाल किया था. पुलिस के अनुसार आरोपी इतना शातिर था कि उसने 7 महिने तक इस घटना को अंजाम देने की तैयारी की थी. रायपुर आते वक्त वह मोबाइल नहीं लाया, मोबाइल घर में छोड़कर आया था, ताकि लोकेशन ट्रेस न हो. आरोपी ने बगैर टिकट लिए ट्रेन से आया ताकि पहचाना न जाए और आटोवाले से पार्सल कुरियर कराया ताकि कहीं भी उसका कोई भी फुटेज किसी भी सीसीटीवी कैमरे में कैद न हो.

यह थी वजह

पार्सल बम विस्फोट में मारे गए सौम्यरंजन साहू की मां संयुक्ता साहू ज्योति विकास कॉलेज, भैंसा में प्राचार्य हैं। वे इसके पहले झारबंद कॉलेज से स्थानांतरित होकर आई थीं. इतिहास प्राध्यापिका संयुक्ता साहू को यहां प्राचार्य बनाया गया था. तब इस कॉलेज में अंग्रेजी के प्राध्यापक पुंजीलाल मेहेर प्रभारी प्राचार्य थे. चूंकि संयुक्ता, मेहेर से 13 वर्ष की वरिष्ठ थीं इसलिए उन्हें प्राचार्य का पदभार दिया गया. इससे अंग्रेजी प्राध्यापक पुंजीलाल मेहेर नाराज था और उसने संयुक्ता साहू की हत्या की योजना बनाई.

ऐसे पकड़ाया

आईजी के मुताबिक आरोपी को जब लगा कि उसके फूल प्रूफ प्लान के बावजूद शक की सूईं उसकी तरफ मुड़ रही है तो उसने एसपी बलांगीर को पत्र लिखकर जांच प्रभावित करने के लिए गुमराह करने की कोशिश की. उसकी यही कोशिश ही उसके पकड़ाने की वजह  बनी. आरोपी ने पत्र में बताया कि पार्सल एसके शर्मा के नाम से नहीं बल्कि एसके सिन्हा के नाम से बुक कराया गया था. पुलिस को कुरियर से भेजे गए बम में कुरियर द्वारा घसीटा राइटिंग में नाम लिखा गया था जिसे पुलिस एसके शर्मा समझ रही थी. उसके अलावा आरोपी ने यह लिखा था कि पुलिस उसे बलांगीर का न समझे वह बाहर से है. जिसकी वजह से पत्र लिखने वाले पर पुलिस का शक गहराया. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो आरोपी जल्दी ही टूट गया और उसने अपना सारा गुनाह कबूल कर लिया. आरोपी के घर से पुलिस को झालर वाले कटे बल्ब मिले. इसके साथ ही पटाखों के खोल को घर के सामने डस्टबिन में जलाया. जलाने से धुआं डस्टबिन में जम गया जिसका सैंपल पुलिस ने लैब में टेस्ट कराया जिसमें गन पाउडर की पुष्टि हुई.