रायपुर। देश के कई राज्यों में एटीएम में लूट की घटनाओं को अंजाम देने वाले अंतर्राज्यीय शातिर गिरोह को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. छत्तीसगढ़ की पुलिस के हाथ ये बड़ी कामयाबी लगी है. इस गिरोह का सरगना हरियाण पुलिस का पूर्व आरक्षक निकला है. जिन्होंने अपने शातिर लुटेरों के साथ देश भर में सैकड़ों घटनाओं को अंजाम दिया है.

इस गिरोह ने छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तप्रदेश में वारदातों को अंजाम दिया है. आरोपियों के पास से पुलिस को 40 एटीएम कार्ड मिले हैं.

इस तरह से देते थे वारदातों को अंजाम-
एटीएम से रकम निकालने में सहयोगकर
एटीएम कार्ड को बदलकर
बुजुर्ग और सीधे-साधे लोगों को बनाते हैं शिकार
आरोपी मूलत: हरियाणा के निवासी हैं
चार पहिया वाहन में घुम-घुमकर देते थे वारदात
एक आरोपी के पास हरियाणा पुलिस का फर्जी आई कार्ड बरामद
   दो आरोपी पर हत्या का मामला है दर्ज
छग पुलिस ने हरियाणा पुलिस को लिखा पत्र
आरोपियों से मिले हिसाब-किताब की पर्ची
पुलिस की पकड़ से बचने गाँव के पंच-सरपंच को देते थे पैसा

पुलिस के मुताबिक सोमवार को खमतराई थाना क्षेत्र से पकड़े गए लोग एटीएम के अंदर पैसा निकालने गए एक व्यक्ति से एटीएम लूटकर भाग रहे थे इसी दौरान चेकिंग कर रही पुलिस के हत्थे चढ़ गए. पूछताछ और तलाशी में आरोपियों के पास से पुलिस को बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड मिले. पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे सख्ती से पूछताछ की. पूछताछ में आरोपियों ने देश के कई राज्यों में वारदात को अंजाम देना कबूल किया.

पुलिस के अनुसार गिरोह का सरगना  श्याम सुंदर धानक है जो कि 2004 में हरियाणा पुलिस में आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ था और 2007 में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. आरोपी श्याम सुंदर को हत्या के एक मामले में 5 वर्ष की सजा हुई थी. आरोपी हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हो गया और उसके बाद वह अपने साथियों के साथ घूम-घूम कर एटीएम में बुजुर्गों और सीधे-सादे व्यक्तियों को अपना शिकार बनाया करता था. पुलिस के अनुसार गिरोह एटीएम की रेकी करते थे और बुजुर्ग या सीधा-साधा कोई व्यक्ति जिसे एटीएम आपरेट करने में दिक्कत होती थी ऐसे लोगों का सहयोग करने के नाम पर गिरोह का एक सदस्य अंदर दाखिल होता था. दूसरा सदस्य पासवर्ड को याद करता था इस दौरान वे एटीएम बदल देते थे वहीं कई मामलों में आरोपी एटीएम पासवर्ड जानने के बाद एटीएम ही लूट कर फरार हो जाते थे और पैसों को निकाल लिया करते थे.