रायपुर- सुकमा के बुर्कापाल में सीआरपीएफ के 25 जवानों की शहादत के बाद हो रहे लगातार खुलासे के बीच एक नई जानकारी सामने आई है। नक्सल डी जी डी एम अवस्थी ने बताया है कि बुर्कापाल नक्सल हमले के पीछे माओवादियों के मिलिट्री बटालियन का कमांडर हिडमा नहीं, बल्कि सोनू, अर्जून और सीतू की भूमिका है। ये तीनों नक्सली कमांडर हैं और वारदात के इलाके में पिछले कई दिनों से लगातार सक्रिय रहे हैं।

डीएम अवस्थी के मुताबिक सोनू, अर्जुन और सीतू की टीम ने ही सड़क सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवानों पर हमला बोला था। बकायदा ग्रामीणों की आड़ लेकर सुनियोजित तरीके से ये हमला किया गया।

बताया जा रहा है कि पुलिस ने पूरी घटना को लेकर मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह को भी रिपोर्ट सौंप दी है।

जानकार बताते हैं कि हमले को अंजाम देने वाली माओवादियों की टीम में शामिल अर्जुन 30 नक्सलियों की टीम को हेड करता है। अर्जुन का संबंध जनमिलिशिया से रहा है। जनमिलिशिया यानी वो स्थानीय ग्रामीण जो नक्सलियों की मदद करते हैं। ये धनुष बाण जैसे परंपरागत हथियारों का भी इस्तेमाल करते हैं। हमले को अंजाम देने वाले सभी 300 से ज्यादा नक्सली गुरिल्ला वार में माहिर थे।

सीतू के बारे में खबर है कि वो 15 से 20 नक्सलियों की टीम की अगुवाई करता है। नक्सलियों की मिलिट्री यूनिट में पहली कंपनी का कमांडर है।