रायपुर.मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के शंकरगढ़ विकासखण्ड के  ग्राम दोहना में आयोजित तेंदूपत्ता बोनस तिहार को संबोधित करते हुए कहा कि सूचना क्रांति योजना (स्काई) के तहत प्रदेश के 55 लाख लोगों को निःशुल्क स्मार्ट फोन वितरित किए जाएंगे। स्मार्ट फोन वितरित करने के लिए गांव-गांव में शिविर लगाए जाएंगे। स्मार्ट फोन में राज्य शासन की सभी योजनाओं की जानकारी होगी। साथ ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के आवेदन पत्र का प्रारूप भी उपलब्ध रहेगा, जिसे डाउनलोड कर घर बैठे ही योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किए जा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बलरामपुर जैसे दूरस्थ अंचलों में तेंदूपत्ता संग्राहकों और मजदूरों सहित युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों और गरीब परिवार के लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कनेक्टिीविटी के लिए पूरे प्रदेश में लगभग दो हजार मोबाइल टॉवर लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक लोगों को राज्य शासन की इस योजना के साथ-साथ विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए पंच-सरपंच सहित सभी जनप्रतिनिधियों से सक्रिय पहल करने का आग्रह किया है।

डॉ. सिंह ने तेंदूपत्ता बोनस तिहार में बलरामपुर-रामानुजगंज और सरगुजा जिले के एक लाख 20 हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 23 करोड़ 85 लाख रूपए से अधिक बोनस राशि का वितरण किया। उन्होंने इस अवसर पर लगभग 151 करोड़ 28 लाख रूपए की लागत के 38 विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास किया। उन्होंने लगभग 103 करोड़ 52 लाख रूपए की लागत के कार्यों का लोकार्पण और लगभग 47 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत के कार्यो का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने शंकरगढ़ के औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र (आईटीआई) का नामकरण पूर्व लोकसभा सांसद स्वर्गीय श्री लरंगसाय के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने लोगों की मांग पर शंकरगढ़ में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय प्रारंभ करने और कुसमी के मॉडल स्कूल को डीएव्ही विद्यालय के रूप में संचालित कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के दो हजार 476 हितग्राहियों को लगभग छह करोड़ 86 लाख रूपए की सामग्री का वितरण भी किया।

कार्यक्रम में गृह मंत्री रामसेवक पैकरा, वन मंत्री महेश गागड़ा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री भईयालाल राजवाड़े, लोकसभा सांसद कमलभान सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य वनांचल के लोगों की आजीविका और संस्कृति से जुड़ा है। वर्ष 2003 में तेंदूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक प्रति मानक बोरा 450 रूपए था। राज्य सरकार द्वारा पारिश्रमिक की राशि में लगातार बढ़ोतरी की गई। अगले सीजन के लिए पारिश्रमिक की दर ढाई हजार रूपए प्रति मानक बोरा निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। लगभग 14 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को निःशुल्क चरणपादुकाएं, इन परिवारों के महिलाओं को साड़ी दी जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को सामूहिक बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है और इनके बच्चों को स्कॉलरशिप सहित इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत बलरामपुर जिले में गरीब परिवारों की 55 हजार से ज्यादा महिलाओं को रसोईगैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। अगले वर्ष 64 हजार महिलाओं को गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत इस जिले में 16 हजार 500 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बलरामपुर-रामानुजगंज जिला अब स्वरूप ले चुका है। आने वाले समय में यह जिला भी छत्तीसगढ़ का अग्रणी जिला होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश का मान-सम्मान और गौरव बढ़ाया है। उनके द्वारा लिए गए नीतिगत फैसलों से राज्यों को विकास कार्यों के लिए ज्यादा राशि मिल रही है। वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार के निर्णयों से तेन्दूपत्ता संग्रहण का अच्छा पारिश्रमिक और बोनस की राशि संग्राहकों को मिल रही है। गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में विकास के काम तेजी से हुए हैं। दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को देखा और महसूस किया जा सकता है। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री भईयालाल राजवाड़े और लोकसभा सांसद श्री कमलभान सिंह ने भी अपने विचार प्रकट किए।  इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री भरत साय, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के. खेतान, जिला पंचायत बलरामपुर-रामानुजंग की अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा नेताम, सरगुजा जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती फुलेश्वरी सिंह, सरगुजा संभाग के कमिश्नर श्री अविनाश चम्पावत सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, तेंदूपत्ता संग्राहक और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।