वैभव बेमेतरिहा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. तो इन तैयारियों के बीच में चर्चा दुर्ग लोकसभा की. क्योंकि कांग्रेस ने 2014 के चुनाव में एक मात्र सीट दुर्ग से ही जीती थी. दुर्ग से तब ताम्रध्वज साहू भाजपा की सरोज पाण्डेय को हराकर सांसद बने थे. लेकिन वर्तमान में सांसद ताम्रध्वज अब भूपेश कैबिनेट में गृहमंत्री हैं. ऐसे में दुर्ग लोकसभा में ताम्रध्वज का विकल्प कौन होगा इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चा खूब है.
दरअसल दुर्ग लोकसभा की सबसे ज्यादा चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि सांसद अब विधायक और विधायक से मंत्री बन चुके हैं. फिर ऐसी स्थिति में मंत्री जी क्या वापस सांसद बनना पसंद करेंगे? मतलब 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? यह सवाल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के मन में है. लेकिन इस सवाल का जवाब तो फिलहाल खुद शायद मंत्री साहू के पास भी नहीं होगा.
अब अगर ताम्रध्वज साहू लोकसभा चुनाव नहीं लड़े तो उनकी जगह लड़ेगा कौन. वैसे चर्चा यह भी है कि ताम्रध्वज ने आलाकमान से लोकसभा नहीं लड़ने की बात हक चुके हैं. और चर्चा तो यह भी है कि उन्होंने थानेश्वर साहू के नाम को आगे बढ़ाया है. हालांकि इसकी पुष्टि फिलहाल कोई नहीं कर रहा. वैसे एक चर्चा यह भी है कि ताम्रध्वज के बेटे जितेन्द्र साहू भी लोकसभा के उम्मीदवार हो सकते हैं. वहीं बेमेतरा जिला पंचायत अध्यक्ष कविता साहू भी चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी हैं. कविता साहू ने लोकसभा की दावेदारी पेश करने के साथ अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. वैसे इन चर्चाओं के बीच चर्चा यह भी है कि सीएम भूपेश की पसंद का ख्याल भी विशेष तौर पर रखा जाएगा. ऐसे में यहां मुख्यमंत्री किसके नाम को आगे बढ़ाते हैं इस पर भी सभी की निगाहे हैं. वैसे निगाह तो पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर पर भी सबकी है. क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी टिकट काटकर सांसद ताम्रध्वज को चुनाव लड़ाया गया था. ऐसे में अगर ताम्रध्वज लोकसभा नहीं लड़े तो क्या प्रतिमा चंद्राकर को कांग्रेस लोकसभा लड़वाएगी? फिलहाल ऐसी तमाम तरह की चर्चा सियासी गलियारियों से है. तो ये तो बात हुई दुर्ग लोकसभा की. आगे दूसरी कड़ी में बताएंगे कि कोरबा लोकसभा को लेकर क्या चल रहा है वहां किस नाम पर जारी है सियासी उठापठक.