विधि अग्निहोत्री, रायपुर । छत्तीसगढ़ एक बार फिर से चुनावी समर में उतरने जा रहा है. लोकतंत्र के इस सबसे बड़े पर्व में जनता को अपने वोटों की आहूति देनी है. आप जिसे वोट करेंगे, जिसे आप चुनेंगे वो सिर्फ एक जनप्रतिनिधि विधायक ही नहीं बल्कि आने वाले 5 सालों के लिए आप का भाग्य विधाता भी होगा. जिसके हाथों में आपके और राज्य के भविष्य की बागडोर होगी. जो आपके लिए, आपकी आने वाली पीढ़ी के भविष्य की इबारत भी लिखेगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार या सुरक्षा की बागडोर उसके हाथों में रहेगी. ये आपके ऊपर है कि आप अपना और अपने परिवार का कैसा भविष्य चाहते हैं. आप को कैसा प्रत्याशी चुनना है. आप जिसे वोट करने जा रहे हैं क्या वह सारी चीजों में खरा उतर सकता है. आप ये जान तो नहीं सकते लेकिन शायद इसका अंदाजा आप उसकी छवि और शिक्षा से लगा पाएंगे. वहीं यह भी आपको देखना होगा कि कहीं जिसे वोट करने जा रहे हों उस पर कोई गंभीर आपराधिक मुकदमा तो कभी दर्ज नहीं था. एक अच्छा जनप्रतिनिधि ही आपको एक अच्छा भविष्य दे सकता है. हालांकि मतदान के लिए अभी कुछ समय बाकी है.
लेकिन इसके पहले जरा आप छत्तीसगढ़ की चौथी विधानसभा पर भी एक नजर डाल लीजिए कि आप ने जिन्हें चुना हैं वो कितने शिक्षित हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मौजूदा सरकार के मंत्री मंडल में एक ऐसे मंत्री भी हैं जो कि महज 8 वीं तक ही पढ़ाई किए हुए हैं. हालांकि कांग्रेस की स्थिति भी इस मामले में बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है.
रमन मंत्रिमंडल में आठवीं से पोस्ट ग्रेजुएट तक-
विधानसभा में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, मंत्री अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, प्रेम प्रकाश पांडेय, केदार कश्यप व रामसेवक पैकरा पोस्ट ग्रेजुएट हैं. वहीं मंत्री अमर अग्रवाल, रमशीला साहू और महेश गागड़ा ग्रेजुएट हैं. जबकि मंत्री राजेश मूणत, पुन्नूलाल मोहले महज 12 वीं पास हैं तो रमन सिंह के मंत्री दयालदास महज आठवीं तक ही पढ़े हुए हैं.
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के चार-चार विधायक पोस्ट ग्रेजुएट के साथ प्रोफेशनल डिग्रीधारी हैं. भाजपा के 49 में से 35 फीसद विधायक पोस्ट ग्रेजुएट और 12 फीसदी ही मात्र ग्रेजुएट हैं. वहीं कांग्रेस के 39 में से 33 फीसद पोस्ट ग्रेजुटए और 18 फीसद ग्रेजुएट हैं. भाजपा के नौ विधायक 12वीं, 10 दसवीं, दो आठवीं व एक पांचवीं पास हैं. वहीं कांग्रेस में छह 12वीं और 10वीं पास हैं. आठवीं और पांचवीं पास विधायकों की संख्या दो-दो है. पार्टी के तीन विधायक केवल साक्षर हैं.
कौन कितने पानी में-
ये हैं भाजपा के मंत्री/विधायक का नाम, विधानसभा, पार्टी, शैक्षणिक योग्यता-
श्रीचंद सुंदरानी रायपुर उत्तर भाजपा 9वीं
दयालदास बघेल नवागढ़ भाजपा 8वीं
लखन लाल देवांगन कटघोरा भाजपा 8वीं
बद्रीधर दीवान बेलतरा भाजपा 8वीं
भैयालाल राजवाड़े बैकुंठपुर भाजपा 10वीं
चंपा देवी पावले भरतपुर सोनहत भाजपा 10वीं
राधाचरण जशपुर भाजपा 10वीं
राजू सिंह क्षत्रियतखतपुर भाजपा 10वीं
राजकुमारी चौधरी बसना भाजपा 10वीं
श्रवण मरकाम सिहावा भाजपा 10वीं
विद्यारतन भसीन वैशाली नगर भाजपा मेट्रिक
कवासी लखमा कोंटा कांग्रेस साक्षर
देवती कर्मा दंतेवाड़ा कांग्रेस साक्षर
चिंतामणि महाराज लुंड्रा कांग्रेस 12वीं
बृहस्पति सिंह रामानुजगंज कांग्रेस 5वीं
गुरमुख सिंह होरा धमतरी कांग्रेस 5वीं
भोलाराम साहू खुज्जी कांग्रेस 8वीं
तेज कुँवर नेताम मोहला मानपुर कांग्रेस 8वीं
जगन राम वर्मा बलौदाबाजार कांग्रेस 10वीं
सियाराम कौशिक बिल्हा कांग्रेस 10वीं
इन पर दर्ज हैं आपराधिक मामले
छत्तीसगढ़ में 14 विधायकों पर अापराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें से 8 विधायक कांग्रेसी हैं तो 6 विधायक बीजेपी के हैं. अगर गंभीर अपराधों की बात करे तो 8 पर गंभीर मामलों पर केस दर्ज है जिनमे से दो विधायक भाजपा के हैं तो 6 विधायक कांग्रेसी हैं. ये भाजपा विधायक हैं वनमंत्री महेश गागड़ा और विधायक संतोष उपाध्याय. इन दोनों पर एक एक गंभीर प्रकरण दर्ज हैं. वहीं जोगी पार्टी में अमित जोगी पर दो प्रकरण दर्ज हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश के 29 राज्यों में पिछले साल एंटी करप्शन ब्यूरो तथा विजिलेंस विभाग द्वारा संज्ञेय अपराध के रूप में दर्ज 147 मामलों की जांच नहीं की गई या उनकी जांच बंद कर दी गई. इन 147 मामलों में से अकेले 81 मामले छत्तीसगढ़ के हैं.
करोड़पति विधायक
छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस वक्त भाजपा के 49 विधायक हैं, इनमें से 35 विधायक करोड़पति हैं. यानी 71 फीसदी विधायकों के पास संपत्ति करोड़ों में है. 9 भाजपा विधायकों के पास दो करोड़ से अधिक की संपत्ति है वहीं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह 5 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. ये जानकारी 2013 के विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों द्वारा नामांकन के वक्त दी गई थी. अब 2018 के विधानसभा चुनावों में नामांकन में दी गई जानकारी से साफ हो पाएगा कि इन पांच सालों में विधायकों की संपत्ति में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है.
विधानसभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए चुनाव के पहले अपने क्षेत्र के प्रत्याशी की जांच पड़ताल करके ही प्रत्याशी को वोट दें. चुनावी वादों की आड़ में आपकों भी इस तरह लुभाया जाएगा कि जो होगा आपके हित में होगा. आपकी सारी समस्याएं दूर की जाएंगी. आपको एेसा लगेगा कि वाकई में कोई भगवान का दूत बनके आपकी तकलीफों को हरने आ गया है. लेकिन जब तक आपके आंखों से भ्रम का कोहरा हटता है तब आपको समझ आता है कि आप तो ठग लिए गए हैं. इसलिए आंखे खोलकर सोचसमझ कर चुनाव में वोट करें.