सत्यपाल, सिंह रायपुर।  मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत ज़िला परियोजना अधिकारियों व स्त्रोत व्यक्तियों का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत हो गई है.  राज्य पंचायत एवं विकास संस्थान निमोरा में 3 से 5 अक्टूबर तक राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की ओर इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. आज कार्यशाला में स्कूल शिक्षामंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम बेहतर क्रियान्वयन के संबंध में प्रतिभागियों से चर्चा करेंगे.

लोक शिक्षण संचालनालय व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के संचालक एस.प्रकाश ने कहा, कि मुख्यमंत्री के द्वारा प्रदेश में 36 ई-साक्षरता केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया गया है. केंद्र का संचालन राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के मार्गदर्शन में जिला लोक शिक्षा समिति द्वारा किया जा रहा है. कार्यक्रम में गुणात्मक सुधार के लिए प्रत्येक जिले में 2-2 स्त्रोत व्यक्तियों का चिन्हांकन कर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. ई-साक्षरता केंद्र का उद्देश्य प्रमाणपत्र का वितरण करना तक ही नही, बल्कि अपने शिक्षार्थियों को रोजगारोन्मुखी लाभ पहुचाने के लिए भी है.  शिक्षार्थी केंद्र में नियमित आये, अनुशासित होकर सीखे , केंद्र में सीखने सीखने का वातावरण ज्ञानात्मक व मनोरंजनात्मक हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि ई- साक्षरता कार्यक्रम पूरे देश मेंं सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही चलाया जा रहा है, इससे प्रभावित होकर देश के अन्य राज्य भी इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के सम्बंध में जानकारी ले रहे है, जो एक उपलब्धि है.


राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर प्रशांत पांडेय ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लक्ष्य, उद्देश्य, केंद्र के लिए स्थल चयन व समय का निर्धारण, राज्य व जिला क्रियान्वन समिति की संरचना, कार्यक्रम का रूपरेखा, निर्धारित पाठ्यक्रम, मूल्यांकन आदि की जानकारी दी. साथ ही गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ कार्यक्रम की रणनीति को पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया गया. अस्सिस्टेंट डायरेक्टर दिनेश टांक ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 36 केंद्रों का संचालन किया जा रहा है, आवश्यकता अनुसार केंद्रों के संख्या में वृद्धि की जा सकती है,साक्षर भारत कार्यक्रम के समय बनाए गए आदर्श लोक शिक्षा केंद्रों को प्रदाय की गई सामग्रियों का उपयोग किया जा सकता है.