रायपुर/दंतेवाड़ा। पूर्व आईएएस और भाजपा नेता ओपी चौधरी एक बार फिर मुश्किल में पड़ गए हैं. जमीन हेराफेरी के मामले में ओपी चौधरी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने जाँच जारी रखने का आदेश दिया है. मामला दंतेवाड़ा का है. आरोप है कि दंतेवाड़ा में ओपी चौधरी ने कलेक्टर रहते हुए एक व्यक्ति की कृषि जमीन के बदले शासकीय जमीन को बदलने और कुछ लोगों को फायदा पहुँचाया था.

दरअसल 2011 में ओपी चौधरी दंतेवाड़ा कलेक्टर थे. इसी दौरान वहाँ एक किसान बैजनाथ से जमीन खरीदने वाले चार लोगों ने कलेक्टर के सामने जमीन की अदला-बदली का प्रस्ताव रखा. मार्च 2013 में पटवारी, आरआई,  तहसीलदार, एसडीएम ने मिलकर सिर्फ 15 दिनों के भीतर इन चारों को निजी जमीन के बदले सरकारी भूमि देने की प्रकिया पूरी कर दी. चार लोगों बैजनाथ से साढ़े तीन एकड़ जमीन 10 लाख में खरीदी थी. लेकिन उन्होंने फिर 25 लाख रुपये में बेच दिया. उसके बदले दंतेवाड़ा बस स्टैंड के पास व्यावसायिक भूमि के साथ दो अन्य स्थानों इन्हें जमीन दी गई. आरोप है कि इस पूरी प्रकिया में ओपी चौधरी शामिल थे.

यह मामला बाद में हाईकोर्ट में चला गया. इस मामले में हाईकोर्ट ने 2016 में जाँच के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. कोर्ट ने मामले में स्थगन दे दिया था. लेकिन अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हमने जाँच प्रकिया को रोकने का स्थगन नहीं दिया था. मामले में कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ लंबित जाँच को आगे बढ़ाया जा सकता है. वहीं कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को भी कहा है.