विधि अग्निहोत्री। थर्ड जेंडर समुदाय सदियों से ही सामाजिक अवहेलना, तिरस्कार और सामाजिक अस्वीकार्यता का दंश झेलता आया है. शिक्षा और रोजगार के अभाव में ये समुदाय भीख मांगने पर मजबूर रहा. कभी ट्रेन में भीख मांगना, तो बच्चों के जन्म पर तालियां बजा,उसके खुशहाल भविष्य के लिए दुआंए देना ही इनके रोजगार का साधन रहा है. लेकिन अब इस समुदाय के लोग भी आगे बढ़ने लगे हैं. कोई जज के ओहदे पर है तो किसी ने राजनीति का रूख़ किया है. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार भी थर्ड जेंडर समुदाय के प्रति संवेदनशील है और इनके आर्थिक, सामाजिक उत्थान के लिए कई प्रयास कर रही है.

ट्रेनों में पैसा मांगते… शादी-ब्याह और बच्चों के जन्म पर नाचते गाते, घर-घर में खुशियों के लिए दुआएं देते ये वे लोग हैं. जो सदियों से उपेक्षित रहे हैं.. सामाजिक अवहेलना तिरस्कार और सामाजिक अस्वीकार्यता का दंश झेलता ये समुदाय थर्ड जेंडर समुदाय है. जिसकी ये पहचान भी कुछ साल पहले ही उन्हें मिली है. इसके पहले समाज में इन्हें कई अशोभनीय नामों से भी पुकारा जाता था.. टिप्पणी ऐसी की शब्द भी शर्मसार हो जाए.. लेकिन अब धीरे-धीरे इन्हें लेकर लोगों की सोच बदलने लगी है. छत्तीसगढ़ में इन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा है. और यह सब संभव हुआ है तो सिर्फ और सिर्फ रमन सरकार के उन फैसलों की वजह से जिसमें उन्होंने इस समुदाय विशेष के लोगों के उत्थान के लिए लिया. ट्रेनों में भीख मांगना कभी इनके लिए पेट भरने की मजबूरी थी लेकिन अब वह मजबूरी नहीं रही. रमन सरकार ने इनकी शिक्षा-दीक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए जरुरी कदम उठाया है.  इस समुदाय को पहचान मिल जाने के बाद सरकार ने नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान भी किया है. रमन सरकार ने इस समुदाय के उत्थान के लिए अहम कदम उठाते हुए तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड का गठन किया. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड का गठन किया. बोर्ड के गठन के बाद समाज के सभी वर्गों में संवेदनशीलता जगाने के लिये लगातार शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ राज्य समान अधिकार देने की सूची में अग्रणी है. छत्तीसगढ़ की रमन सरकार थर्ड जेंडर समुदाय के हित में कार्य करने के लिए हमेंशा ही तत्पर रही है. राज्य में थर्ड जेंडर समुदाय के वेलफेयर और समाज में उनकी सहभागिता बढ़ाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. आइए एक नजर डालते हैं राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर-

प्रदेश भर में थर्ड जेंडर समुदाय के लोगों की पहचान और उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा सभी जिलों में जिला स्तर पर कलेक्टर और अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है. छत्तीसगढ़ सामाजिक कल्याण विभाग के अनुसार, राज्य में 5000 से भी कम ट्रांसजेंडर हैं. हालांकि, संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि सेक्शन के कई लोग अभी तक आगे नहीं आए हैं.

राज्य के सभी जिलों में समाज कल्याण विभाग की ओर से सर्वेक्षण किया गया है और अब तक इस समुदाय के लगभग 3  हजार लोगों की पहचान कर सर्वे प्रपत्र भरवाया जा चुका है. इनमें से 338 लोगों को पहचान पत्र भी जारी किए जा चुके हैं.

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में निवास कर रहे ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को सामाजिक-आर्थिक विकास की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके लिए शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, आवास, स्वास्थ्य सुविधा, कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार, राशनकार्ड की बेहतर व्यवस्था करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डॉ भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में स्थित आयुष्मान भवन में प्रत्येक गुरुवार को सवेरे 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक ट्रांसजेंडर मरीजों के लिए ओपीडी का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्हें मुफ्त ऑपरेशन की भी सुविधा दी जा रही है.

रमशीला साहू कहती हैं, “हमारी कोशिश है कि थर्ड जेंडर समूह के लोगों को समाज में समान अधिकार मिले और सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले. अब सरकारी नौकरियों में भी इस वर्ग को जगह दी जा रही है.”

छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने घोषणा की “तीसरे लिंग के लोग भी SKY के लिए पात्र होंगे.” उन्होंने कहा, “जब सरकार समाज के हर वर्ग की देखभाल कर रही है, तो तीसरा लिंग क्यों वंचित होगा.

 

छत्तीसगढ़ में समाज कल्याण विभाग की मंत्री रमशीला साहू का दावा है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड का गठन किया और उसके बाद समाज के सभी वर्गों में संवेदनशीलता जगाने के लिये लगातार शिविर भी किये हैं.

नगर निगम व नगर पालिका द्वारा आबंटित होने वाले व्यवसायिक दुकानों में 2 प्रतिशत का आरक्षण.

महिला बाल विकास विभाग द्वारा थर्ड जेंडर समुदाय के व्यक्तियों को 3 प्रतिशत ब्याज पर लोन प्रदान करने का आदेश दिया गया है.

राष्ट्रीय इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय में थर्ड जेंडर व्यक्ति के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान.

अंतव्यवसायी योजना के पात्रता में थर्ड जेंडर व्यक्ति को शामिल किया गया है.

समाज कल्याण विभाग द्वारा थर्ड जेंडर व्यक्तियों के मुद्दे के त्वरित समाधान के लिए विभागीय टाक फोर्स का गठन किया गया है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले कुछ महीनों में थर्ड जेंडर के प्रति संवेदनशीलता पैदा करने के लिये जिस तरह से एक के बाद एक कार्यशालाओं का आयोजन किया है, उससे समाज में बहुत फ़र्क़ पड़ा है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस भर्ती के लिये विज्ञापन निकाला तो पहली बार थर्ड जेंडर के लिये इस विज्ञापन में विशेष निर्देश दर्ज़ किये गये. पुलिस में भर्ती की इस पहल का स्वागत किया जाना चाहिये. छत्तीसगढ़ पुलिस में थर्ड जेंडर की भर्ती की शुरुआत, थर्ड जेंडर समुदाय की पूरी छवि बदल कर रख देगी. छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस के 2259 पदों पर भर्ती के लिये पहली बार थर्ड जेंडर को भी मौका दिया है. इन पदों पर भर्ती के लिये थर्ड जेंडर समुदाय से जुड़ा कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधा से महिला या पुरुष वर्ग में आवेदन कर सकता है. जिस वर्ग में आवेदन किया जायेगा, थर्ड जेंडर को उसी के अनुरूप निर्धारित शारीरिक मापदंड पूरे करने होंगे.

प्रकियाधीन कार्य व महत्वपूर्ण गतिविधियां- 

  • बीएड व डीएड कॉलेज द्वारा थर्ड जेंडर समुदाय हेतु विशेष ट्रेनिंग माड्यूल तैयार किया जा रहा है.
  • डाइट कॉलेज, शंकर नगर द्वारा थर्ड जेंडर समुदाय हेतु प्राइमरी स्कूली शिक्षक के लिए ट्रेनिंग मॉडयूल तैयार किया जा रहा है.
  • पुलिस विभाग द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच थर्ड जेंडर लिंग समुदाय के मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु व संवेदनशीलता हेतु प्रत्येक जिले में कार्यशाला आयो जित की जा रही है.
  • थर्ड जेंडर जिला कमिटीयों द्वारा थर्ड जेंडर समुदाय के लिए शिविर आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा योजना से समुदाय को जोड़ना है.
  • समाज कल्याण विभाग द्वारा सरकारी विभागों व महाविद्यालयों और गैर सरकारी संगठनों के साथ जागरूकता समन्वयक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

रमन सरकार के इन फैसले के बाद समाज में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि इनके लिए फैशन शो जैसे आयोजन शुरु हो गए हैं. राजधानी रायपुर के संस्कृति भवन में आयोजित कार्यक्रम में रैम्प पर चलते इन्हें प्रदेश के साथ ही देश ने भी देखा. इस कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ समाज कल्याण विभाग के द्वारा एक शाम तृतीय लिंग के साथ के नाम से आयोजित किया था. थर्ड जेंडरों के लिए यह देश का पहला ब्यूटी कॉन्टेस्ट था. वहीं राज्य में इनके लिए हाल ही में पुलिस परेड ग्राउंड में स्पोर्ट्स का भी आयोजन किया गया था. जो कि देश की पहली स्पोर्ट्स मीट प्रतियोगिता थी. जिसमें बिग बॉस फेम और भरतनाट्यम में गोल्ड मेडलिस्ट किन्नर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी समारोह की मुख्य अतिथि थीं.

छत्तीसगढ़ की रमन सरकार के ठोस निर्णयों की बदौलत आज थर्ड जेंडर समुदाय समाज में सम्मान के साथ सिर उठाकर जीना शुरु कर दिया है. पुलिस सहित कई सरकारी विभागों में थर्ड जेंडरों के लिए नौकरी का रास्ता साफ हुआ है. अब वो दिन दूर नहीं जब समाज से कटा-कटा रहने वाला ये समुदाय जो समाज का एक अंग होते हुए भी अलग था, अब अहम हिस्सा बनने जा रहा है. आईये आपको ऐसे ही कुछ लोग से मिलाते हैं जिन्होंने प्रदेश के साथ ही देश में अपनी अहम पहचान बनाई.
ये विद्या राजपूत हैं… थर्ड जेंडर समुदाय से आती हैं और सरकार की थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य हैं. विद्या कोंडागांव के फरसगांव इलाके की रहने वाली हैं लेकिन पिछले कई सालों से वे राजधानी रायपुर में ही रह रही हैं. विद्या की परवरिश एक लड़के के तौर पर हुई थी. लेकिन बड़े होने के बाद उन्हें एहसास होता था कि वह अंदर से लड़की हैं. रायपुर में एक होटल में मैनेजर की नौकरी भी विद्या ने की. इसी बीच उनके साथ हुई एक घटना ने विद्या के जीवन में परिवर्तन ला दिया. घटना के बाद से विद्या ने इस समुदाय के हकों के लिए आवाज उठानी शुरु कर दी. विद्या ने सीएम डॉ रमन सिंह से मुलाकात की और उन्होंने इस समुदाय के कल्याण के लिए थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड का गठन किया. उस बोर्ड में विद्या राजपूत को सदस्य भी नियुक्त कर दिया. जिसके बाद विद्या इस समुदाय के सम्मान के लिए लगातार प्रयास करती रही हैं. आज विद्या छत्तीसगढ़ का एक जाना माना नाम है और थर्ड जेंडरों की एक आईकॉन बनकर उभरी हैं. उन्हीं के प्रयास से राजधानी रायपुर में थर्ड जेंडर समुदाय के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा ब्यूटी कान्टेस्ट का आयोजन किया गया था.
विद्या राजपूत के प्रयासों और डॉ रमन सिंह की संवेदनशीलता का ही नतीजा है कि इस समुदाय के लिए सरकारी नौकरी का रास्ता साफ हो गया. थर्ड जेंडर समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए इन्हें नौकरी की आवश्यकता थी जिसे डॉ रमन सिंह ने समझा. लिहाजा 2259 पदों पर पुलिस भर्ती का जो विज्ञापन निकाला उसमें थर्ड जेंडरों के लिए भी प्रावधान किया. सरकार के इस फैसले से थर्ज जेंडर समुदाय में खुशी की लहर है. पुलिस सहित अन्य विभागों में होने वाली भर्ती उनके पूरे समुदाय की वह छवि बदल कर रख देगी जो कि जन मानस में मन में सदियों से बनी हुई है. इस भर्ती के लिए थर्ड जेंडर समुदाय से बड़ी संख्या में आवेदन भी किया और जमकर तैयारी भी की गई. इस भर्ती प्रक्रिया में 10 थर्ड जेंडर चयनित हुए हैं.

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