रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के 85 आदिवासी विकासखंडों में सौर सुजला योजना के तहत अधिक से अधिक संख्या में सोलर सिंचाई पम्प देने  के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस आशय के निर्देश दिए।  डॉ. सिंह ने कहा- सौर सुजला योजना किसानो के लिए राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजना है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि योजना शुरू होने के प्रथम वर्ष में लक्ष्य से अधिक संख्या में सोलर पम्प दिए जा चुके हैं। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों को बधाई दी।

 

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक सौर सुजला योजना के अन्तर्गत 11 हजार 300 सोलर सिंचाई पम्पों के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक बारह हजार 161 सोलर पम्पों की स्थापना की जा चुकी है। इस योजना में साढ़े तीन लाख रूपए का तीन हार्स पावर का सोलर सिंचाई पम्प अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को सिर्फ सात हजार रूपए में, अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को सिर्फ बारह हजार रूपए और सामान्य वर्ग किसानों को सिर्फ 18 हजार रूपए में दिए जा रहे है। इसी तरह पांच हार्स पावर के सोलर पम्प, जिनकी कीमत साढ़े चार लाख रूपए है, इन वर्गों के किसानों को क्रमशः दस हजार, पन्द्रह हजार और बीस हजार रूपए में दिए जा रहे। शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार वहन कर रही है।

मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में इस वर्ष सौर सुजला योजना में बीस हजार किसानों को सोलर पम्प देने के लक्ष्य को अभियान चलाकर पूर्ण करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा-  राज्य के ऐसे इलाकों में जहां भौगोलिक दृष्टि से परम्परागत बिजली के तार खींचने में दिक्कत होती है, वहां किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पम्प सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ दिए जाने चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि नदी-नालों के किनारे के गांवों के किसानों को भी सौर सुजला योजना के तहत सोलर पम्प दिए जाएं। उल्लेखनीय है कि इस योजना में किसानों को काफी कम कीमत पर सोलर पम्प दिए जा रहे है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष एक नवम्बर को नया रायपुर में राज्योत्सव 2016 के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से सौर सुजला योजना का शुभारंभ किया था।

बैठक में यह भी बताया गया कि पेयजल के लिए अब तक प्रदेश में चार हजार 105 सोलर पम्प स्थापित किए जा चुके हैं तथा 1886 सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सोलर पम्पों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति में पानी शुद्धिकरण के लिए क्लोरिनेशन करने के निर्देश भी अधिकारियों भी को दिए। मुख्यमंत्री ने सभी गांवों और मजरे-टोलों के विद्युतीकरण का काम मार्च 2018 तक पूरा करने के लिए कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 32 विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य मार्च 2018 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में छत्तीसगढ़ विद्युत होल्डिंग कम्पनी के अध्यक्ष श्री शिवराज सिंह, ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव एन. बैजेन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव सुबोध कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध संचालक अंकित आनंद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में विद्युत वितरण कम्पनी और क्रेडा की ओर से योजनाओं की प्रगति के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया गया।