रायपुर– कबीरपंथ आचार्य पंथ प्रकाशमुनि नाम साहब ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को क्रांतिकारी नेता बताते हुए उनकी तुलना शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे से की है. उन्होंने भूपेश बघेल को जानदार, शानदार और छत्तीसगढ़िया के लिए मर मिटने वाला नेता बताया.
कबीर पंथ की धर्मनगरी दामाखेड़ा में आयोजित संत समागम कार्यक्रम के चौथे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए. उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, गृहमंत्री का ताम्रध्वज साहू, भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा, रायपुर की पूर्व महापौर किरण नायक एवं रायपुर पश्चिम की विधायक विकास उपाध्याय शामिल हुए. आचार्य पंथश्री ने कहा कि जिस प्रकार बाला साहब ठाकरे महाराष्ट्र के लोगों के लिए मर मिट पर थे. उसी प्रकार भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ीयों के लिए मर मिटने वाले नेता हैं 15 साल बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है.
इसके पहले यहां डॉ रमन सिंह आते रहे हैं अब मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल पहली बार दामाखेड़ा आए हैं. उन्होंने कहा कि वे भूपेश बघेल को बीते 20 वर्षों से जानते हैं, हालांकि वे विधिवत कबीरपंथी नहीं है, लेकिन दिल से कबीरपंथी हैं. शाहिद के बाणी वचनों को मानने वाले हैं उनके बताए रास्तों पर चलने वाले हैं. छत्तीसगढ़ के लोग उन्हें प्यार से बगवा यानी छत्तीसगढ़ के शेर कहते हैं. आचार्य ने उन्हें दामाखेड़ा के तालाब के संबंध में एक प्रोजेक्ट सौंपकर सौंदर्यकरण की मांग की.
आचार्य ने बताते हुए कहा कि कबीरपंथ का यह मेला का 104वां वर्ष है. धनी धर्मदास वंशावली पंथ को उग्रनाम साहब ने 1940 दामाखेड़ा में गुरुगद्दी की स्थापना की थी, उनके साथ दया नाम साहब भी आए. उस समय निवास में स्नान की व्यवस्था नहीं होती थी, तो हमारे गुरुजन इसी तलाब में स्नान करते थे. उनके अलावा जो भी संत मनाते वह इस तालाब में स्नान करते. तब से कबीरपंथीयों की आस्था तालाब से बनी हुई है. उनके आस्था के अनुरुप इसे सौंदर्यकरण किया जाना चाहिए.
आचार्य के उद्बोधन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हरि रुठे गुरु ठौर है, गुरु रुठे नहीं ठौर. पंथश्री के निर्देशों का पालन होगा. उन्होंने कहा कबीर पंथ लोग बहुत ही शांत होते हैं कबीर पंथी कभी उग्र नहीं होते. कबीर पंथी कारण ही छत्तीसगढ़ को लोग शांति का टापू कहते हैं दामाखेड़ा में समूचे छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश के कोने कोने और विदेशों से भी लोग आते हैं इसलिए दामाखेड़ा को अत्यंत ही आकर्षक बनाने के लिए बजट में पांच करोड़ का प्रावधान रखा गया है.
कुछ लोग मुझ पर बदलापुर भी राजनीति करने का आरोप भी लगाते हैं. विधानसभा के सदन में कबीर पंथ के अनुयाई डॉ चरण दास महान विधानसभा अध्यक्ष, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सतनाम धर्म के वंशज गुरु रुद्र कुमार जैसे शख्सियत रहते हैं. ऐसे में कोई बदलापुर की राजनीति कैसे करेगा. उन्होंने कहा हम सच अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलने वाले लोग हैं. उनका जो भी गुरु आगे होगी. उसका पालन होगा, क्योंकि इसके पहले किसने क्या किया या मुझे पता नहीं, पर मुझे कोई धोखेबाज है ऐसा मैं कोई काम नहीं करूंगा.
उनसे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम को संबोधित किया. स्वागत भाषण क्षेत्रीय विधायक शिवरतन शर्मा ने किया. कार कम के अंत में सभी अतिथियों को आचार्य ने स्मृति चिन्ह बैठकर सम्मानित किया. मौके पर गुरु गोसाई, डॉ.भानुप्रताप, नवोदित वंशाचार्य उदित मुनिनाम नाम साहब समेत बड़ी संख्या में संत महंत और श्रद्धालु शामिल हुए.