मुंबई. कारवां गुजर गया, गुबार देखते रह गए, शोखियों में घोली जाए थोड़ी सी शराब ,,उसमें फिर मिलाया जाए फूलों का शबाब ,,होगा फिर नशा वो प्यार है वो प्यार,,, के रचनाकार, गीतकार, साहित्यकार और पद्मभूषण से सम्मानित कवि गोपालदास नीरज का लंबी बीमारी के बाद देर शाम निधन हो गया.

गोपाल दास नीरज ‘हम तो मस्त फकीर’, ‘हमारा कोई नहीं ठिकाना रे’, ‘है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए’ और ‘कारवां गुज़र गया’, जैसे अमर गीतों से मशहूर हुए. बता दें कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नही थी. हालत ज्यादा बिगड़ने के कारण बुधवार को आगरा से एम्स लाया गया था. चार डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने में लगी थी. उनका ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं हो रहा था. उनके फेफड़ों में पस था. उसे निकाला जा चुका था.

गौरतलब है कि उनके फेफड़ों के संक्रमण को देखते आगे की जांच के लिए उन्हें एम्स दिल्ली के पल्मोनरी डिपार्टमेंट में बुधवार रात भर्ती कराया गया था. जिसके बाद आज शाम उनका निधन हो गया.