रायपुर। छत्तीसगढ़ पूरी तरह से कृषि आधारित राज्य है. राज्य की 75 फीसदी आबादी की अर्थ व्यवस्था कृषि पर निर्भर है. छत्तीसगढ़ की पहचान नरवा-गरवा, घुरुवा-बारी से है. यह प्रदेश की चिन्हारी है. और यही चिन्हारी कृषि प्रधान अर्थव्यस्था की निशानी भी. दरअसल खेती हर व्यवसाय जुड़ा है. और खेती से ही जुड़ा प्रदेश का नदी, तलाब, नाला. गाय-बैल, और बाड़ी. इन्हें अगर नहीं बचाएंगे, इन्हें संरक्षित नहीं रखेंगे तो फिर न सिर्फ छत्तीसगढ़ की सांस्कृति विरासत को खत्म करने जैसा होगा बल्कि कृषि अर्थ व्यवस्था को खत्म करना होगा. ऐसे में जरूरी है कि किसानों की दशा को सुधारने हमें इस पर राष्ट्रीय स्तर इस मुद्दे को उठाना होगा. ये कहना है कांग्रेस नेता अविनाश तिवारी का.

अविनाश तिवारी का कहना है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव में खेती, किसान और इन से जुड़ी ही चीजों को समझकर इसे बचाने की दिशा में कारगार कदम उठाया उससे एक आश ही नहीं बल्कि विश्वास किसानों में जगा है. यह सिर्फ छत्तीसगढ़ का मुद्दा नहीं है. बल्कि यह पूरे देश का विषय है. गांव की मूल संरचना में ही नदी, नाले, पोखर, तालाब, गाय-बैल, बाड़ी है. ये सब में ग्रामीण अर्थव्यस्था की जान है, पहचान है. लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को जन आवाज घोषणा पत्र में प्रमुखता के साथ शामिल किया जाए यह मेरी व्यक्तिगत तौर इच्छा है. कांग्रेस की मूल अवधारणना में ही ग्रामीण भारत, ग्रमीण संस्कृति और विरासत है. पूरी कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल के इस नारे के साथ सभी 11 सीटें जीतकर आएगी इसमें कोई शक नहीं. उन्होंने कहा कि किसानों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने के लिए एयर कार्गो जैसी व्यवस्था उपलब्ध कराने पहल की कोशिश की जाएगी और लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का जो जन आवाज घोषणा पत्र तैयार करवाया जा रहा है उसमें भी उसे शामिल करवाया जाएगा.