रायपुर- पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में हुई एयर स्ट्राइक को क्या बीजेपी लोकसभा चुनाव में भुनाने जा रही है? दरअसल यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी डाक्टर अनिल जैन ने अपने एक बयान में कहा है कि- ‘निश्चित तौर पर हम इसे एक उपलब्धि के तौर पर लेंगे’ सरकार यदि अच्छा काम नहीं करती तो इस्तीफा किससे मांगा जाता है? ठीक ऐसे ही यदि सरकार अच्छा काम कर रही है तो वाहवाही किसकी होनी चाहिए”
 
अनिल जैन का यह बयान यह बताने के लिए काफी है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी बालकोट एयर स्ट्राइक को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है. स्ट्राइक के जरिए बीजेपी एग्रेसिव कैंपेनिंग कर सियासी फायदा ढूंढ रही है. अनिल जैन मानते हैं कि यह एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह से निर्लज्जता के साथ सेना के शौर्य की खिल्ली उड़ाई जा रही है. इसे हम देश के सामने लाएंगे. जिन लोगों ने सेना के शौर्य को नगण्य करने की कोशिश की है. ऐसे लोग पाकिस्तान में जाकर बैठ जाएं. अनिल जैन कहते हैं कि  सेना का शौर्य है, सेना मजबूत है लेकिन इसके पीछे जो मजबूत राजनीतिक शक्ति की जरूरत है वह मोदी के पास है. 
 
भूपेश बघेल पर पलटवार
 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस बयान पर भी अनिल जैन ने टिप्पणी की, जिसमें सवाल उठाते हुए पूछा गया था कि मुंबई हमले में ड्रेस बदलने पर तत्कालीन गृहमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था, तो पुलवामा की घटना के बाद फोटोशूट करा रहे मोदी पर बीजेपी खामोश क्यों है? जैन ने कहा कि यह बयान हास्यास्पद है. प्रधानमंत्री का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था. घटना जब घटी, तो इसकी तात्कालीन सूचना मिलने के बाद प्रधानमंत्री को क्या दिग्विजय सिंह और भूपेश बघेल को बताना चाहिए कि उन्हें क्या करना है. इन लोगों के नेता जो महीनों छुट्टियां मनाते हैं, वे लोग परिश्रम की पराकाष्ठा पर उंगली उठाते हैं. मोदी ने एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार साबित किया है कि सर्जिकल स्ट्राइक के लिए मजबूत राजनीतिक शक्ति किसके पास है. जितनी बार मोदी पर उंगली उठेगी, उतनी बार ये एक्सपोज होंगे. 
 
सेना की कार्यवाही पर श्रेय लेना सेना का अपमान- कांग्रेस
 
इधर बीजेपी प्रदेश अनिल जैन के बयान पर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह बेहद बचकाना और स्तरहीन बयान है. सेना की कार्यवाही पर श्रेय लेना सेना का अपमान है. मोदी के फैसले सही भी हो सकते हैं और गलत भी हो सकते हैं. मोदी सरकार अपने राजनीतिक फैसले पर बात करे. सेना की कार्यवाहियों पर नहीं. पुलवामा में जिस तरह से इंटेलीजेंस फेल हुआ, उसकी बात करनी चाहिए, जिसकी वजह से 40 जवानों की शहादत हो गई. नरेंद्र मोदी गलती स्वीकार करने की बजाए सिर्फ अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने की चाल चल रहे हैं. जनता इसे समझ रही है.