नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल में भारी वृद्धि के बीच केन्द्र सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दे दी है. केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस वार्ता कर ढाई रुपये तक दाम घटाने का ऐलान किया है. जेटली ने कहा कि इस कटौती में रेवेन्यू विभाग को 1.50 रुपये और तेल कंपनियों को एक रुपये वहन करना होगा. वहीं जेटली ने राज्य सरकारों से भी यह आग्रह किया है कि वे वैट में ढाई रुपये तक कटौती कर आम आदमी को तेल के दामों में राहत प्रदान करें.

जेटली ने राज्य सरकारों से किया आग्रह वैट में करे कटौती
केन्द्र  वहीं केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे वैट में ढाई रुपये तक कटौती करे. जेटली ने कहा है कि  केन्द्र की 2.50 रुपये की कटौती की तर्ज पर सभी राज्य भी 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती को प्रभावी करें. यह काम राज्यों के लिए आसान है. उन्होंने यह भी कहा कि हमने तेल कंपनियों को 10 बिलियन डॉलर विदेशी ऑयल बॉन्ड के जरिए उठाने की अनुमति दी है. सरकार ने आईएसएंडएफएस में निर्णायक फैसला लिया है. सरकार ने इंपोर्ट पर लगाम लगाने की कवायद की है. भारतीयों को मसाला बॉन्ड पर टैक्स चोरी रोकने के लिए कदम उठाए हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि पहली तिमाही नतीजों ने 8.5 फीसदी ग्रोथ दिखी है. रेवेन्यू के जो आंकड़े मिल रहे हैं. डायरेक्ट टैक्स से सरकार को उम्मीद से अच्छा मिल रहा है. इससे फिलकल डेफिसिट कम करने में फायदा होगा. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर अमेरिका में घरेलू बाजार में हो रहे बदलाव का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है. लेकिन घरेलू संकेच अच्छे हैं. हालांकि कच्चे तेल के चलते करेंट अकाउंट डेफिसिट पर चुनौती है लेकिन अन्य आंकड़े पक्ष में हैं. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि राज्य सरकारों का एडवैलोरम टैक्स है. राज्यों का औसत 29 फीसदी है. इसलिए कच्चा तेल का दाम पर राज्यों को अधिक इजाफा होता है. वहीं केन्द्र की कमाई स्थिर रहती है.