रायपुर- CM भूपेश बघेल के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना के तहत नियुक्त किए गए 41 कंसलटेंट की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. राज्य शासन ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार ने इनकी नियुक्ति को फिजूलखर्ची माना है. पिछली सरकार ने आईआईटी समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़कर निकले और मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर चुके युवाओं को फेलोशिप योजना के तहत नियुक्ति दी थी. मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर, सचिवों और सभी 27 जिलो में कलेक्टरों को साथ इन्हें अटैच किया गया था. इन अफसरों को शासकीय योजनाओं की मानटिरिंग का जिम्मा सौंपा गया था. इन्हें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को फीडबैक देने का भी अधिकार दिया गया. फेलोशिप योजना के तहत हुई नियुक्तियों को लेकर पिछली सरकार पर यह आरोप भी लगा था कि खास सिडिंकेट के अधिकारियों की सिफारिशों उनके चहेतों को नौकरी दे दी गई. चौंकाने वाली बात यह है कि जिन अफसरों की नियुक्ति को रद्द किया गया है, उनमें पूर्व मुख्य सचिव का दामाद भी शामिल है.
राज्य शासन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि 31 जनवरी 2019 की शाम 5.30 बजे मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना के तहत जिन कंसलटेंट की नियुक्ति की गई है, उनकी सेवाएं समाप्त की जाती है. जिन कंसलटेंट की नियुक्ति समाप्त करने का फैसला लिया गया है. उनमें अभिजीत सिंह, अदीब वहाब, अजेश ए नायर, अक्षत शुक्ला, अक्षय रात्रे, अमन सहगल, अमित अशोक शिंगे, अमित शरण सिंह, अनास रहमान सी, अंकित गोयल, अंशुल अग्रवाल, अयाज अहमद सिद्दकी, आय़ुष, भूपिंदर जीत, चाहत सुरेंद्र शाह, चिंतन राज, धरणीकांध कोंगटि, दिव्या रामास्वामी, डा भार्गव देशपांडे, हिमांशु अग्रवाल, कुमार देवाशीष, मृत्युजंय शर्मा, पलाश पांडेय, पियुष मिश्रा, प्रशांत एस चिन्नापनावर, प्रेरणा वाडिकर, प्रियंका सेठी, आर रमेश रेड्डी, राहुल टिक्कू, राजू सागी, रवि कुमार, रोहित वाधवा, संकल्प अभिशेष, सत्यराज, सौम्या चक्रवर्ती, अनंत प्रकाश कल्याणी, स्नेहा प्रिया, सोम्याकमर वैल्यू और सुपर्णा वर्मा शामिल है.
फेलोशिप योजना में नियुक्ति पाए इन कंसलटेंट्स को प्रतिमाह 1 लाख से 2.5 लाख रूपए तक की तनख्वाह दी जा रही थी. अनुमान है कि बीते दो सालों में इन पर राज्य शासन ने पांच करोड़ रूपए केवल तनख्वाह में फूंक दिए. पिछले दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस में इससे जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो टूक जवाब दिया था कि-
हमे आईएएस अफसरों के अतिरिक्त किसी की भी जरूरत नहीं है. हमे अपने अफसरों पर पूरा भरोसा है. उनके ऊपर किसी को भी बिठाने की जरूरत नहीं है.