दिल्ली. केंद्र की राजग सरकार के खिलाफ पिछले चार वर्षों में विपक्ष के पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोपों के तीखे तीर चले. हालांकि अपेक्षा के अनुसार मोदी सरकार विश्वास मत जीतने में सफल रही. टीडीपी की ओर से लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को सदन ने खारिज कर दिया.
वोटिंग से पहले शिवसेना और बीजद ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सदन में ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया, लेकिन मत विभाजन की मांग के चलते वोटिंग कराई गई, और इसमें भी अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया. अविश्वास प्रस्ताव पर पूरे 12 घंटे तक बहस चली. प्रस्ताव के विपक्ष में 325 और पक्ष में 125 वोट पड़े.
इससे पहले कांग्रेस ने जहां सरकार पर किसानों, रोजगार, महिला सुरक्षा जैसे चुनावी वादे पूरा नहीं करने का आरोप लगाया वहीं भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने 48 वर्षों के शासन में स्कैम्स (घोटालों) की राजनीति की, जबकि नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले 48 महीने में स्कीम्स (योजनाओं) की राजनीति की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव हमारे लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक है. भले यह प्रस्ताव टीडीपी की ओर से आया हो लेकिन उनके साथ जुड़े हुए कुछ माननीय सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अपनी बात कही है और एक बहुत बड़ा वर्ग है जिसने प्रस्ताव का विरोध करते हुए अपनी बात कही है. उन्होंने सदन से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि जिस तरह 30 वर्षों बाद देश में पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने तेज गति से काम किया है उसे करने दें.