भोपाल। भगत फलिया (मोहल्ले) के लोगों ने अपनी फलिया का नाम बदलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ‘मोदी फलिया’ क्या किया ? उनके फलिया की किश्मत ही बदल गई। अब विकास की हवा तेज चल रही है और प्रशासन का अमला दिन रात जुटा हुआ है।

ये किस्सा है, आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ के एक फलिया का। झाबुआ में मोहल्ले को फलिया बोला जाता है। दरअसल, जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर एक गाँव कालाखुंट में ग्रामीणों ने अपने मोहल्ले का नाम ‘मोदी मोहल्ला’ इसीलिए रखा, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना में सिर्फ उन्हीं की फलिया में 36 आवास बनकर पूर्ण हो गए थे। खुश होकर मोहल्ले का नाम ‘मोदी मोहल्ला’ कर लिया। मोहल्ले की सीमा पर बाकायदा नए नामकरण का बोर्ड भी लगा दिया गया।

किस्सा सिर्फ यहीं तक नहीं है, ‘भगत फलिया’ का नया नाम ‘मोदी फलिया’ होते ही और ये बोर्ड लगने के बाद से अब रोज नए-नए चमत्कार हो रहे हैं ! विकास की जो बयार वर्षों से रुकी पड़ी थी, आदिवासी जिसके लिए वर्षों से नेताओं और अफसरों से गुहार लगा रहे थे, वह बयार अब बड़ी तेजी से सिर्फ उन्हीं के मोहल्ले में बह रही है। बताते हैं, आला अफसरों को जैसे ही पता चला, वैसे ही प्रशासन का पूरा अमला इस फलिया को चमकाने में जुट गया है। इतना कि अब दूसरे फलिया के आदिवासी भी हैरान हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सिर्फ मोदी फलिया ही क्यों ? उनकी फलिया पर भी कृपा बरसाएं साहब !