रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा पर तत्परता से अमल करते हुए वित्त विभाग ने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की मूल पेंशन को सातवें वेतनमान के अनुरूप बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पेंशन और परिवार पेंशन को सातवें वेतनमान के अनुरूप पुनरीक्षित कर पेंशनरों को इसका लाभ दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने तीन दिन पहले विधानसभा में अपनी सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रथम अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान इसकी घोषणा की थी। सीएम ने कहा था कि पेंशनरों की लम्बित मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि एक जनवरी 2016 के पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों को सातवें वेतनमान के अनुरूप मूल पेंशन का 2.57 गुना पेंशन और परिवार पेंशन का लाभ एक अप्रैल 2018 से दिया जाएगा। राज्य के 80 हजार पेंशनरों को इस बढ़ी हुई पेंशन का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के क्रियान्वयन के लिए वित्त विभाग द्वारा कल छह जुलाई को मंत्रालय (महानदी भवन) से अध्यक्ष राजस्व मंडल सहित शासन के सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, समस्त संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को परिपत्र के रूप में आदेश जारी कर दिया है। इसकी प्रतिलिपि सभी संबंधित बैंकों और राज्य सरकार के कोष, लेखा एवं पेंशन संचालनालय, समस्त मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों, पेंशनर्स संगठनों और पेंशनर कल्याण मंडल सहित प्रदेश के सभी कोषालय अधिकारियों विभिन्न राज्य सरकारों के वित्त सचिवों तथा उन राज्यों के महालेखाकार कार्यालयों को भी भेजी गई है।

परिपत्र में कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा एक जनवरी 2016 के पहले के शासकीय पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को देय पेंशन और परिवार पेंशन की पुनरीक्षण का निर्णय लिया गया है। यह पुनरीक्षण वर्तमान मूल पेंशन (पेंशन सारांशीकरण के पूर्व) और परिवार पेंशन को 2.57 के गुणक से गुणा करके तथा इस प्रकार से प्राप्त राशि को आगामी रूपए में पूर्णांकित करते हुए किया जाएगा। इस गणना के लिए वर्तमान मूल पेंशन और परिवार पेंशन में महंगाई राहत शामिल नहीं होगी। यह पुनरीक्षण एक अप्रैल 2018 से प्रभावी होगा। पुनरीक्षित पेंशन में सारांशीकरण की राशि, यदि कोई शामिल हो, तो मासिक संवितरण के समय इस राशि से सारांशीकरण की राशि को कम किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इस आदेश के अनुसार पेंशन अथवा परिवार पेंशन की न्यूनतम राशि मासिक सात हजार 750 रूपए होगी।
परिपत्र में कहा गया है कि वृद्ध पेंशनरों और परिवार पेंशनरों के लिए निर्धारित पेंशन की वर्तमान व्यवस्था यथावत लागू रहेगी। सार्वजनिक उपक्रमों और स्वशासी संस्थाओं में स्थायी संविलियन के बाद राज्य शासन से अलग से पेंशन और परिवार पेंशन प्राप्त होने की स्थिति में पेंशन अथवा परिवार पेंशन का पुनरीक्षण उपरोक्तानुसार किया जाएगा। ऐसे प्रकरणों में, जहां शासकीय सेवक द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों अथवा स्वशासी संस्थाओं में स्थायी संविलियन पर शत-प्रतिशत पेंशन को समर्पित करते हुए एक मुश्त राशि प्राप्त कर ली गई है तथा उसके पेंशन के एक तिहायी हिस्से के प्रत्यावर्तन का लाभ प्राप्त हुआ है, ऐसे मामलों में पेंशन अथवा परिवार पेंशन के पुनरीक्षण के बारे में अलग से निर्णय लिया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक शाखाओं से पेंशन अथवा परिवार पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के पेंशनरों की पेंशन का पुनरीक्षण उन बैंकों की पेंशन भुगतान शाखा द्वारा किया जाएगा और भुगतान योग्य राशि की प्रविष्टियां पेंशन भुगतान आदेश के दोनों भागों में की जाएगी।

परिपत्र में यह भी कहा गया है कि कोषालयों और उपकोषालयों से पेंशन अथवा परिवार पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनरों की पेंशन का पुनरीक्षण संबंधित पेंशन संवितरक अधिकारी द्वारा किया जाएगा। पुनरीक्षित पेंशन अथवा परिवार पेंशन का भुगतान माह अप्रैल 2018 से किया जाएगा, जो मई 2018 में देय होगा।  पुनरीक्षित पेंशन पर सातवें वेतनमान में स्वीकृत महंगाई राहत भी दी जाएगी, जिसके आदेश अलग से जारी किए गए हैं।