रायपुर। राजधानी पहुँचे विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने एक बार फिर इशारों-इशारों में बड़ी बात कह दी है. उनकी बातों से साफ है कि जख्म अभी भरा नहीं, नाराजगी अब भी बाकी है. तोगड़िया इन दिनों रायपुर में हैं, जहां उन्होंने राम मंदिर, बैंक घोटाले और अपने साथ हुए एनकांउटर की साजिश पर खुलकर अपनी बात रखी.
राम मंदिर बनाने की सरकार की नियत पर किया कटाक्ष
राम मंदिर को लेकर तोगड़िया ने सरकार पर सीधा निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब लाखों स्कवेयर फीट में कार्यालय का निर्माण करवाया जा सकता है तो, राम मंदिर क्यों नहीं बनवाया जा सकता है ? राम मंदिर के बजाए स्टेशन बनवाया जा रहा है, क्या उससे राम मंदिर की भरपाई हो पाएगी ?
किसान कर्ज में और कुछ लोग हजारों करोड़ लेकर फरार हो रहे हैं
प्रवीण तोगड़िया ने कहा, कि किसान कर्ज के बोझ से दबकर आत्महत्या कर रहे हैं वहीं कुछ लोग देश से हजारों करोड़ो रुपए लेकर भाग रहे हैं. ये सरकार की नाकामी है. मैं मुल रूप से किसान और पूरे देश में किसानों को जागरुक करूँगा.
सारे किसान हिन्दू हैं
प्रवीण तोगड़िया का कहना है कि देश के सारे किसान हिन्दू हैं. किसानों की हालत बिल्कुल अच्छी नहीं है. लेकिन जब तोगड़िया से पत्रकारों ने पूछा कि इससे वर्ग विशेष की भावना आहत हो सकती है. इस पर उनका जवाब था कि प्रवीण तोगड़िया बिना किसी डर के अपनी अपनी बात रखते रहे हैं.
आँसू बने अंगारे
प्रवीण तोगड़िया के आँसू राजनीतिक जगत में आशंकाओं की बाढ ले आए थे जब इसपर सवाल पूछा गया, तो उनका कहना था कि उस घटना से आगे बढ गए हैं, लेकिन दूसरे ही पल में शायराना अंदाज में कहते हैं-
आंसू नहीं अंगार था
राम के धनुष का टंकार था
सुन सिकंदर हिंदुओं के युद्ध का ललकार था.
आंसू नहीं अंगार था
राम के धनुष का टंकार था
सुन सिकंदर हिंदुओं के युद्ध का ललकार था.