रायपुर। राजधानी रायपुर सहित कांग्रेस ने देश भर के 30 शहरों में अपना घोषणापत्र जारी कर दिया. राजधानी रायपुर में राजीव भवन में पीसीसी अध्यक्ष और सीएम भूपेश बघेल व प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने घोषणापत्र जारी किया. इस मौके पर भूपेश बघेल ने कहा कि आज देशभर में कांग्रेस घोषणा पत्र जारी कर रही है. राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ से न्याय योजना की घोषणा की थी जिसकी चर्चा आज देशभर में हो रही है.

वहीं प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि विधानसभा के चुनाव में भी छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव के नेतृत्व में घोषणा पत्र का निर्माण हुआ था. इसी तर्ज पर एआईसीसी ने देशभर में अलग-अलग वर्ग, संस्थाओं से बातचीत करने के बाद ये घोषणा पत्र तैयार किया है. हम दावे से कह सकते हैं कि लोगों के मन की बात है. ये मन की बात थोपने जैसा नहीं है.

उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल को इस घोषणा पत्र को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने रिलीज किया था. आज राज्यों में इसे रिलीज किया जा रहा है. राहुल गांधी ने कहा है हमारा घोषणा पत्र न्याय पर आधारित है. बेरोजगारों, महिलाओं, युवाओं हर किसी के साथ न्याय पर आधारित है. राहुल गांधी ने न्याय योजना की घोषणा छत्तीसगढ़ से की थी. ऐसा लगता है कि राहुल इसी घर ( छत्तीसगढ़)के नेता है. उन्होंने कहा है कि न्यूनतम 12 हजार रुपये आमदनी होनी चाहिए. ये योजना अलग है.

पुनिया ने कहा कि पुरानी योजना यथावत चलती रहेगी. किसी सब्सिडी में कटौती नहीं होगी. ये स्पष्ट किया जा रहा है. बीजेपी कहती है कि पैसे कहाँ से लाएंगे? उन्होंने ये नहीं कहा योजना गलत है. ये बीजेपी की आदत है.मनरेगा लागू किया तब कहा पैसा कहा से आएगा, कर्जमाफी लागू की तब कहा पैसा कहां से आएगा, फ़ूड सिक्युरिटी शुरू की तब भी कहा पैसा कहां से आएगा? हम कहते हैं जब नियत हो तो पैसा तो आ ही जायेगा.

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए घोषणा पत्र में कहा गया है कि जिस तरह से किसानों का कर्ज माफ किया गया है उसी तरह से अन्य राज्यों में भी माफ होगा.ऋण माफी नहीं बल्कि ऋण मुक्ति अंतिम लक्ष्य है ताकि किसान को कभी ऋण की जरूरत ही नहीं पड़े. किसान परिवार के पास आज पैसा है. किसानों के पास पैसा है तो व्यापार बेहतर हो रहा है.

केंद्र सरकार में 4 लाख पद रिक्त पड़े हुए हैं और 20 लाख अन्य राज्यों में भी रिक्त पड़े हैं. 10 लाख नए पद सृजित करने की जरूरत भी है. इन 34 लाख पदों को 31 मार्च 2020 यानी सरकार बनने के 9 महीने के भीतर भरे जाएंगे. ये न्याय करने वाली सरकार होगी जुमलेबाज वाली सरकार नहीं होगी. रोजगार तो दिया नही बल्कि डेढ़ करोड़ लोगों का रोजगार खोना पड़ा.

घोषणापत्र से देशद्रोह की धारा 12 ए हटाने पर मचे बवाल के ऊपर पुनिया ने कहा कि राष्ट्र सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता. हमने अंग्रेजों को यहां से भगाया है. देश के साथ षड्यंत्र करना एक गंभीर अपराध है, इसे और कठोर होना चाहिए लेकिन घोषणा पत्र से सिर्फ धारा 124 ए को हटाने की बात कही गई है. सरकार के खिलाफ यदि बोलने और लिखने पर दंडित होने वाले अपराध को ही विलोपित किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है इसके रहने का कोई औचित्य नहीं है. महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं को भी जेल में रहना पड़ा था. इस कानून का दुरुपयोग किया गया है. हार्दिक पटेल पर यह धारा लगाई गई. प्रजातंत्र में अपनी बात रखने का हर किसी को अधिकार है. ये पार्लियामेंट में आएगा. चर्चा के बाद इसे पास किया जाएगा ये कांग्रेस का स्पष्ट मत है. भ्रष्टाचार के मामले पर कारगर कदम उठाए जाएंगे