रायपुर. एक खास ब्रांड की बीयर की ज्यादा बिक्री होने के मामले में कांग्रेस ने आज सदन में सरकार को घेरने की जमकर कोशिश की. कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने प्रश्नकाल के दौरान इस मामले को उठाया. इधर आबकारी मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वाकआउट कर दिया.

भूपेष बघेल ने कहा कि प्रदेश में बीयर की लैंडिंग रेट 40 से 50 रुपये का है, लेकिन इसे बेचने का रेट 140 रुपये है. बघेल ने यह भी पूछा कि बीयर की बिक्री में कमी कैसे आ रही है? आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि लैंडिंग प्राइज आने के बाद सरकार की ड्यूटी चार्ज जुड़ती है. ये व्यवस्था जब से सरकारें चल रही हैं तक से है. अनादि काल से चली आ रही है. हाइवे में शराब बिक्री पर लगाये गए प्रतिबंध और सरकार की नई शराब नीति की वजह से कमी आई है. सरकार की यही कोशिश थी कि कोचिया प्रथा बंद हो.

भूपेश बघेल ने अपने पूरक प्रश्न में मंत्री से पूछा कि सिम्बा और सूमो ब्रांड के बीयर की बिक्री कितनी है? दूसरे ब्रांड के बीयर की तुलना में इन ब्रांड की बिक्री का प्रतिशत कितना है? जिसके जवाब में अमर अग्रवाल ने कहा कि मैंने तीन साल का रिकॉर्ड दे दिया है आप प्रतिशत निकाल लें. इसके बाद भूपेश बघेल ने कहा कि 80 से 90 फीसदी बीयर सिम्बा और सूमो ब्रांड के ही बेचे जा रहे हैं. एक ही ब्रांड के बीयर क्यों बेचे जा रहे हैं?

इसी बीच बृहस्पति सिंह ने कहा कि यह बड़ी घटिया ब्रांड की बीयर है. आबकारी मंत्री ने पूछा आपको कैसे पता? जिस पर बृहस्पति सिंह ने कहा जब हम मंगाते हैं तो हर दूसरे दिन बीयर का टेस्ट बदल जाता है.

आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि तीन साल के पूरे आकंड़े दिए गए हैं. जिन ब्रांड का उल्लेख कर रहे हैं. सरकार कह रही है 40 फीसदी ऐसे में 80 फीसदी बिक्री का आकंड़ा कहां से आ गया. अग्रवाल ने कहा कि 2015-16 और 2016-17 में शराब बिक्री सरकार नहीं चलती थी. 2015-16 में कार्ल बरक्स की एक लाख से ज्यादा पेटियां उठी थी, लेकिन अगले साल इसकी बिक्री 40 हजार पेटी पर आ गई. ये डिमांड और सप्लाई का मामला है. जिसे ग्राहक पसंद करता है उसकी सप्लाई की जाती है.

भूपेश बघेल ने पूछा कि अब जब सरकार शराब बेच रही हों तो, एक ही ब्रांड की सप्लाई क्यों हो रही है? क्या इस ब्रांड में बीजेपी के किसी नेता का शेयर है. अमर अग्रवाल ने कहा- तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं यदि भूपेश बघेल प्रमाण दें तो मैं निश्चित तौर पर कार्रवाई करूँगा. भूपेश ने आगे पूछा कि सरकार शराब बेचकर कमाई कर रही है. पूर्ण शराबबंदी कब होगी? जिसके जवाब में मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि मैंने इस सदन में कई बार कहा है ये व्यापक परीक्षण का मामला है. जिसके बाद मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया.