रायपुर। विधानसभ में विपक्ष की ओर से स्थगन पेश कर आसंदी से इस पर चर्चा की मांग की है. लेकिन आसंदी ने विपक्ष के स्थगन को खारिज कर दिया. इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को कुछ मिनट के स्थगित कर दिया गया.  विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश में सत्ता पक्ष ने भय का महौल बना दिया है. कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है, डराया-धमकाया जा रहा है. यह छत्तीसगढ़ के लिए हितकारी नहीं है. सरकार को जन आंकाक्षाओं के लिए काम करना चाहिए लेकिन यहां तो बदले की भावना से काम किया जा रहा है.

भाजपा के वरिष्ठ विधायक शिवरतन शर्मा ने सदन में स्थगन पेश करते हुए आसंदी से कहा कि इस चर्चा कराई जाए. क्योंकि प्रदेश भर में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है. वहीं विधायक अजय चन्द्राकर ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि जन आकांक्षाओं के काम को छोड़कर आतंक, डर और भय के वातावरण का माहौल बना रहे है. नारायण चंदेल ने कहा कि अराजकता की स्थिति है. असंतोष व्याप्त है.  अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है. झूठे मुकदमे चलाये जा रहे हैं. बदले की भावना से राजनीति करना नई सरकार को शोभा नहीं देता.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विरोधी दल के नेताओं को परेशान किया जा रहा है. हमारे कार्यकर्ताओं को सुकमा में, बलरामपुर में धमकी दी जा रही है. इस पर चर्चा होनी चाहिए. यदि इस पर आज रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में स्थिति अच्छी नहीं होगी.

वहीं जनता कांग्रेस की ओर से विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जनता ने भरोसे के साथ जिम्मेदारी दी है. मुख्यमंत्री को जो नापसंद है. जिनसे वे नफरत करते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया. अंतागढ़ टेपकांड में अजीत जोगी, अमित जोगी पर एफआईआर दर्ज की गई है. ऐसे धाराएं लगाई गई है, जिनकी वैधता एक साल की है लेकिन धाराएं चार साल बाद लगाई गई.नेताओं को भय व्याप्त करने का, पुलिस का खौफ दिखाया जा रहा है. पुलिस को डिक्टेट किया जा रहा है कैसे जेल में डालना है. मुख्यमंत्री निवास से ये हो रहा है.भय के वातावरण से सरकार नहीं चलती.