योजना ऐसी हो जो घर-घर तक पहुंचे. संचार क्रांति योजना राज्य के घर-घर में पहुंच रही है. बिलासपुर की मीना राव के लिए फोन लेना किसी सपने की तरह था जो कभी पूरा नहीं हो सकता था क्योंकि मीना के आर्थिक हालात अत्यंत खराब थे. झोपड़ी में रहने वाली मीना के हाथों में जब स्मार्ट फोन आया तो उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े. मीना ने आंसू भरी आंखो और भरे हुए गले से बताया कि गरीबी के चलते किसी तरह बस रोजी रोटी चल रही थी. जब कोई जरूरत आन पड़ती तो पड़ोसियों से फोन मांग कर बात होती थी. उसे फोन इस्तेमाल करना भी नहीं आता था, लिहाजा पड़ोसियों को ही कहती कि फोन लगाकर दे दो. अपने काम के लिए बार-बार पड़ोसियों से फोन मांगना भी अच्छा नहीं लगता था और इतने पैसे भी नहीं थे कि फोन खरीद सकें. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं उसे अब जरूरत पड़ने पर किसी से फोन मांगने की जरूरत नहीं. रमन सरकार ने उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए फोन जो दे दिया है.

विधि अग्निहोत्री, शैलेन्द्र पाठक । जिस मीना ने अपने हाथ से कभी फोन नहीं चलाया वही मीना अब बेबाकी से फोन लगा अपने परिवार वालों से बात कर पा रही है, गरीबी के चलते जिन लोगों से वो दूर हो गई थी उन्हे भी अब वह फोन लगाकर बात कर रही है वीडियो कॉल से सारे रिश्तेदारों को देख पा रही है. मीना ने बताया कि पहले परिवार में किसी को अस्पताल ले जाना हो, एबुंलेंस बुलाना हो तो भाग कर पड़ोसियों के पास जाना पड़ता, लेकिन अब मुझे किसी के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे. हमारे मुखिया ने हमें अात्मनिर्भर बना दिया है अब तो मीना फोन चलाना भी सीख गई है जिससे उसका आत्मविश्वास भी बढ़ा है. प्रदेश की रमन सरकार ने साबित किया है कि योजनाओ का लाभ छ्त्तीसगढ़ में हर किसी तक पहुंचा है चाहे झुग्गी झोपड़ी हो या कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं, हर किसी के हाथ में अब स्मार्ट फोन है हर कोई स्मार्ट है, हर कोई एक दूसरे से जुड़ रहा है. आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ देश का पहला स्मार्ट राज्य बनने जा रहा है जहां सभी के पास स्मार्ट फोन की उपलब्धता होगी हर कोई कैशलैस ट्रांजेक्शन कर रहा होगा.

बिलासपुर की ही रहने वाली सरल मसीह और ईश्वरी राजपूत की स्थिति मीना राव से अलग नहीं, ये महिलाएं किराए के घर में रहती हैं पैसे जोड़-जोड़कर बच्चों को पढ़ा रही हैं जैसे तैसे घर का खर्च चलता है. लेकिन दुनिया से जुड़ने की इच्छा और लोगों के साथ कदम से कदम मिला कर चलने की चाहत वो मन ही मन दबा लेती क्योंकि पैसों की तंगी की वजह से स्मार्ट फोन लेना संभव नहीं हो पाता. बच्चों को भी पढ़ने के लिए कई बार इंटरनेट से जानकारी निकालनी होती लेकिन स्मार्ट फोन ना होने के कारण बच्चों तक जानकारी नहीं पहुंच पाती. बच्चों की परेशानियों को देख ईश्वरी को बुरा लगता कि उसके बच्चे जानकारी के अभाव में दूसरे बच्चों से पिछड़ रहे हैं, बच्चों के भविष्य की चिंता उसे खाए जा रही थी. ईश्वरी ने कई बार थोड़े-थोड़े पैसे जोड़कर एक स्मार्ट फोन लेने का सोचा, लेकिन कोई ना कोई जरूरी काम हर बार आ जाता, जिससे जमा किए पैसे खर्च हो जाते और उसके फोन लेने का सपना धरा का धरा रह जाता. लेकिन कहते हैं ना भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं. प्रदेश के मुखिया रमन सिंह इन परिवारों के लिए किसी देव दूत की तरह आए और संचार क्रांति योजना के माध्यम से इन्हे फोन देकर समस्याओं का समाधान किया. अब ईश्वरी के घर में खुशियां हैं बच्चों के खिले चहरे देख देख उसे तसल्ली हो रही है अब उसे बच्चों की पढ़ाई को लेकर कोई चिंता नहीं, क्योंकि उसके मन का एक बड़ा बोझ रमन सरकार ने स्मार्ट फोन देकर कम कर दिया है. ईश्वरी मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को धन्यवाद करते नहीं थक रही क्योंकि उसके बच्चों का भविष्य अब सुरक्षित है.

सरकार की संचार क्रांति योजना ने लोगों को, खासकर महिलाओं को एक नया आत्मविश्वास दिया है. छत्तीसगढ़ की महिलाएं अब किसी पर निर्भर नहींं. महिलाएं अब पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहीं हैं क्योंकि जरूर पड़ने पर वे एक फोन कर अपनी समस्या की शिकायत कर सकती हैं उन्हे पता है कि प्रदेश का मुखिया उनके साथ है और मुखिया के साथ होने की वजह से वे पूरी तरह सुरक्षित हैं. महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में रमन सरकार की यह पहल अविस्मरणीय है.

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